बिहारशरीफ. अस्थावां थाना क्षेत्र के धरहरा गांव निवासी सोनी देवी ने थानाध्यक्ष समेत पांच लोगों पर जातीय उत्पीड़न, मारपीट और गंभीर धमकी का आरोप लगाते हुए न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया है. पीड़िता का आरोप है कि जमीन विवाद को लेकर दबंगों द्वारा की गई मारपीट के बाद जब उन्होंने न्याय की गुहार लगाई, तो पुलिस भी आरोपियों के पक्ष में खड़ी हो गई. सोनी देवी द्वारा दायर परिवाद पत्र संख्या 50/20251 में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गयी है. साथ ही जिला प्रशासन से सुरक्षा और निष्पक्ष जांच की गुहार भी लगाई गई है. पीड़िता सोनी देवी, उनके पति रंजीत पासवान और सास पूनिया देवी के अनुसार गांव के ही कुछ दबंग उनकी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहते थे. इसको लेकर उन्होंने कई बार अस्थावां थाने में लिखित आवेदन दिया, लेकिन पुलिस ने मामले को नजरअंदाज किया. आरोप है कि 13 जुलाई की शाम करीब सात बजे गांव के रामस्वरूप राउत, मुस्कान देवी और पुनिया देवी अस्थावां थानाध्यक्ष लालमुनी दुबे एवं एक अन्य पुलिसकर्मी के साथ उनके घर पहुंचे. बिना किसी वारंट या कानूनी आधार के, आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सोनी देवी के साथ मारपीट की. विरोध करने पर उन्हें जबरन गिरा दिया गया, जिससे उनके शरीर में गंभीर चोटें आईं और उनका बायां पैर बुरी तरह जख्मी हो गया. पीड़िता के पति रंजीत पासवान ने दावा किया कि केस वापस नहीं लेने पर दबंगों ने उनके पिता इन्द्रदेव पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने इस वारदात की सूचना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई के बजाय उल्टा उन्हें ही धमकाना शुरू कर दिया. पीड़िता की मां पूनिया देवी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि थाने में उन्हें साफ तौर पर केस खत्म करने का दबाव बनाया गया और धमकी दी गई कि मुकदमा नहीं हटाने पर पूरे परिवार को हत्या के झूठे केस में फंसा दिया जाएगा. इस मामले में जब अस्थावां थानाध्यक्ष लालमुनी दुबे से संपर्क किया गया तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मामला जांचाधीन है और सभी तथ्य सामने लाने के लिए प्रक्रिया जारी है. उनके अनुसार, लगाए गए आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं. सोनी देवी ने न्यायालय से अपेक्षा जताई है कि आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई हो. साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से खुद और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
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