बिहारशरीफ. जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी तेज हो गयी है. जिला प्रशासन मतदाता सूची, इवीएम जांच, प्रशिक्षण और बूथ स्तर की व्यवस्थाओं को लेकर एक के बाद एक कदम उठा रहा है. वर्तमान में जिले में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. इसमें नए वोटरों का नाम जोड़ा जा रहा है. मृत या डुप्लीकेट नाम हटाए जा रहे हैं. निर्वाचन आयोग जुलाई-अगस्त 2025 तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा. सभी विधानसभा क्षेत्रों में इवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रथम चरण की जांच शुरू हो चुकी है. जिला प्रशासन ने सभी विभागों से कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची मांगी है. इसमें फोटो, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण शामिल हैं. चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मियों के लिए तीन चरणों बेसिक ट्रेनिंग, मॉक पोल और फाइनल ब्रीफिंग में प्रशिक्षण की योजना है. साथ ही, डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी. मतदान केंद्रों की भौगोलिक समीक्षा और पुनर्संरचना का काम जारी है. केंद्रों में बिजली, पानी, शौचालय, रैंप और रौशनी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ की जा रही हैं. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान कर वहां सीसीटीवी और वेबकास्टिंग की व्यवस्था प्रस्तावित है. महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पिंक बूथ बनाए जाएंगे, जहां सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी. वहीं 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों और दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था की जा रही है. इन मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर वोटिंग कराने की भी योजना है. जिले में फ्लैग मार्च, तलाशी अभियान, और अवैध हथियार, नकदी व शराब के खिलाफ सघन अभियान चलाए जायेंगे. सभी विभागों से लंबित योजनाओं और घोषणाओं की रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि आचार संहिता लागू होने के बाद कोई उल्लंघन न हो. डीएम और एसपी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. विधानसभा स्तर पर भी नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं. स्वीप के तहत पहली बार वोट देने वाले युवाओं और महिलाओं को केंद्र में रखकर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. बीएलओ के जरिये मतदाता सूचना पर्ची और गाइड का वितरण भी जल्द शुरू होगा. चुनाव की आधिकारिक तारीखों की घोषणा होते ही नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी और आचार संहिता लागू हो जायेगी. अनुमान है कि विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच हो सकते हैं. सभी तैयारियां निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत की जा रही हैं, ताकि चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके.
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