प्रखंड के सात उच्च माध्यमिक विद्यालयों को पहली बार मिले स्थायी हेडमास्टर

राजगीर प्रखंड के शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में चार उच्च माध्यमिक विद्यालयों को पहली बार स्थायी हेड मास्टर मिले हैं.

By AMLESH PRASAD | July 14, 2025 11:00 PM
an image

राजगीर. राजगीर प्रखंड के शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में चार उच्च माध्यमिक विद्यालयों को पहली बार स्थायी हेड मास्टर मिले हैं. यह शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है़ यह कदम न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि इससे इन विद्यालयों की शैक्षणिक और प्रशासनिक गुणवत्ता में भी अपेक्षित सुधार की उम्मीद जतायी जा रही है. वर्षों से इन विद्यालयों का संचालन प्रभारी प्रधानाध्यापकों के भरोसे चल रहा था. इससे शैक्षणिक और अनुशासनात्मक व्यवस्थाओं में अपेक्षित स्थायित्व नहीं मिल रहा था. यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक और शैक्षणिक अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इन विद्यालयों को जब उच्च माध्यमिक का दर्जा मिला था, तभी से ये केवल प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे संचालित हो रहे थे. इससे शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुशासन और विद्यालय प्रबंधन में निरंतर समस्याएं बनी रहती थी. प्रखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक पहल बताया जा रहा है. सरकार द्वारा जारी हेडमास्टरों की अधिसूचना के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालय लहुआर में प्रवीण कुमार को हेडमास्टर बनाया गया है. इसी तरह उच्च माध्यमिक विद्यालय बरनौसा में निरंजन कुमार, मेयार में कर्ण राजवंशी, लोदीपुर में सतीश चंद्र मिश्रा, पिलखी में मो इसरार अहमद, बसुऐन में पूनम कुमारी और भूई में ममता कुमारी को बतौर स्थायी हेडमास्टर नियुक्त किया गया है. इन स्थायी हेड मास्टरों की नियुक्ति से विद्यालयों की नियमित निगरानी, शिक्षकों की जवाबदेही,विद्यार्थियों की उपस्थिति और परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी. इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए समय पर पठन-पाठन, पाठ योजना का क्रियान्वयन और अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी. जानकारों का कहना है कि लंबे समय तक प्रभारी हेड मास्टर व्यवस्था के कारण विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर पड़ रहा था, लेकिन अब इन नियुक्तियों के साथ व्यवस्था में स्थायित्व और अनुशासन लौटने की पूरी संभावना है. जानकार बताते हैं कि प्रभारी हेडमास्टर की व्यवस्था से स्कूलों में न तो दीर्घकालिक योजनाएं बन पाती थी और न ही प्रशासनिक फैसलों में ठोस निर्णय लिए जा रहे थे. इसके चलते विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ता था. अब स्थायी हेड मास्टरों की नियुक्ति से इन समस्याओं पर रोक लगने की उम्मीद है. सूत्रों की माने तो प्रखंड के पुराने और प्रतिष्ठित प्लस टू स्कूल जैसे आरडीएच प्लस टू स्कूल, बेलदार बिगहा और एके प्लस टू स्कूल अंडवस, नाहुब आदि अभी भी प्रभारी प्रधानाध्यापकों के भरोसे ही संचालित होंगे. इन स्कूलों में दशकों से स्थायी हेडमास्टर की नियुक्ति नहीं हुई है. इससे इनकी प्रगति भी सीमित रह गयी है. स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों और शिक्षा प्रेमियों की मांग है कि इन विद्यालयों में भी छात्र हित में स्थायी प्रधानाध्यापक नियुक्त किया जाये, ताकि सभी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ और सुचारु रूप से संचालित हो सके.

संबंधित खबर और खबरें

यहां बिहारशरीफ न्यूज़ (Bihar Sharif News) , बिहारशरीफ हिंदी समाचार (Bihar Sharif News in Hindi), ताज़ा बिहारशरीफ समाचार (Latest Bihar Sharif Samachar), बिहारशरीफ पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bihar Sharif Politics News), बिहारशरीफ एजुकेशन न्यूज़ (Bihar Sharif Education News), बिहारशरीफ मौसम न्यूज़ (Bihar Sharif Weather News) और बिहारशरीफ क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version