करायपरसुराय. झारखंड में भारी वर्षा के कारण लोकाइन नदी में जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया, जिससे गुलरिया बिगहा गांव के पश्चिम चुहरमल बाबा के समीप करीब 60 फीट लंबा तटबंध टूट गया. तटबंध टूटने से गांव के खंधा और घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में बोया गया धान, रोपे गए पौधे और घरों में रखा सामान पानी में बह गया. बाढ़ का पानी रसलपुर गांव के दर्जनों घरों और प्राथमिक विद्यालय रसलपुर के प्रांगण में भी घुस गया है. किसानों का कहना है कि पहले से तटबंध में एक छोटा रिसाव (खड़हुल) था, जिसकी मरम्मत के लिए प्रशासन से बार-बार बोरे की मांग की गई थी, लेकिन समय पर बोरा नहीं मिला. ग्रामीणों ने बताया कि अगर प्रशासन समय रहते कदम उठाता तो इस बड़े नुकसान से बचा जा सकता था. आक्रोशित ग्रामीणों ने तटबंध मरम्मत कार्य को तब तक रोक दिया जब तक जिलाधिकारी स्वयं मौके पर नहीं पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप है कि 19 जून को जब पहली बार नदी में पानी आया था, तभी तटबंध में रिसाव शुरू हो गया था, जिसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई थी. लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया. सीओ मणिकांत कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है. सरकार की ओर से सामुदायिक भोजनालय तथा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी की गई है. जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सिंह और वरिष्ठ नेता जैनेंद्र कुमार ने हिलसा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों सोहरापुर, मुरलीगढ, हसनपुर, फरासपुर, गुलरिया विगहा, मडवा और हरवंशपुर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर जल निकासी के स्रोत बंद हैं, जिन्हें खोलने की जरूरत है ताकि तटबंध पर दबाव कम हो. स्थानीय विधायक कृष्ण मुरारी शरण ने भी शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए. अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार पटेल ने बताया कि सरकार बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के प्रयास में जुटी है. मौके पर बीडीओ नंदकिशोर, सीओ मणिकांत कुमार, पूर्व मुखिया खालिद अहमद उर्फ मुन्ना, पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार व सोनू सिंह समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
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