चंडी़ प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अमरौरा के अमरौरा गांव में किसानों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले पंद्रह दिनों से कृषि कार्य के लिए लगाया गया बिजली का ट्रांसफॉर्मर खराब पड़ा है, जिससे ग्रामीणों विशेषकर किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर खराब होने के कारण खेतों में सिंचाई का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. धान की रोपाई का समय है, लेकिन बिजली नहीं होने के कारण किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. इससे फसल बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार विद्युत विभाग में लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक सिर्फ जांच और मरम्मत का आश्वासन ही दिया जा रहा है. विभागीय अधिकारी और कर्मी केवल खानापूर्ति कर रहे हैं. न तो ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत की गई है और न ही नया ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है. गुस्साए ग्रामीणों का सब्र का बांध उस वक्त टूट गया जब सोमबार को विभाग की ओर से एक मिस्त्री जांच के लिए गांव आया. जांच के नाम पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होते देख ग्रामीणों ने मिस्त्री को बंधक बना लिया. ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक ट्रांसफॉर्मर ठीक नहीं किया जाता, तब तक वे मिस्त्री को नहीं छोड़ेंगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही और निष्क्रियता ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. उनका कहना है कि बार-बार निवेदन करने के बावजूद भी जब समाधान नहीं हुआ, तो उन्होंने विरोध जताने का यह तरीका अपनाया. गांव के ही एक किसान अनिल कुमार ने कहा, “पंद्रह दिन से बिजली नहीं है. खेत सूख रहे हैं. सिंचाई के बिना धान कैसे रोपेंगे? ट्रांसफॉर्मर बदला जाए या तुरंत ठीक कराया जाए, नहीं तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।”
संबंधित खबर
और खबरें