कांटी. ब्लैक फंगस से पीड़ित नंद किशोर गिरी को भर्ती कराने के लिए परिजन बुधवार की रात पटना के अस्पतालों का चक्कर काटते रहे, लेकिन उनको भर्ती नहीं किया गया. गुरुवार की सुबह उनकी मौत हो गयी.
वह कांटी के ढेमहा गांव के रहने वाले थे. नंद किशोर के पुत्र सोनू कुमार ने बताया कि उनके पिता ब्लैक फंगस से पीड़ित थे. वह एसकेएमसीएच में पांच दिन से भर्ती थे. सुधार नहीं होने पर बुधवार को पटना एम्स रेफर कर दिया गया.
रात होने की वजह से उनको एम्स में भर्ती नहीं लिया गया. फिर उन्हें इएसआइसी अस्पताल ले गये. वहां भी भर्ती नहीं लिए जाने पर एसएस अस्पताल अनीसाबाद ले जाया गया. कहीं भी भर्ती नही लेने और दौड़ भाग में सुबह हो गई. सुबह में पीएमसीएच ले जाया गया.
वहां भी कहा गया कि यहां कोई सुविधा नहीं है. सोनू ने बताया कि इसी भाग दौड़ में ही उनके पिता की मौत हो गयी.
पुत्र ने कहा, समय से नहीं हुआ इलाज
सोनू ने बताया कि समुचित और समय से इलाज नहीं मिलने के कारण उसके पिता की मौत हुई है. ग्रामीण अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि नंदकिशोर गिरी को नर्स की कुछ समस्या हुई.
दो तीन दिन के बाद समस्या उनके आंख तक पहुंच गयी. उसके बाद उन्हें एसकेएमसीएच ले जाया गया, जहां ब्लैक फंगस की पुष्टि की गयी.
Posted by Ashish Jha
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