BPSC 68th PT परीक्षा से 24 घंटे पहले तक करें रिविजन, टॉपर अनुराग ने अंतिम क्षणों के लिए दिए टिप्स
अनुराग ने अभ्यर्थियों से परीक्षा भवन में जटिल प्रश्नों में उलझकर महत्वपूर्ण समय नहीं गंवाने की सलाह दी. उन्होंने परीक्षा के दौरान अपनायी गयी रणनीति को अभ्यर्थियों से साझा करते हुए उन्हें तीन प्रयास शॉट में प्रश्नों को हल करने के लिए कहा.
By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2023 12:10 AM
पटना. 12 फरवरी को आयोजित बीपीएससी 68वीं संयुक्त पीटी के अभ्यर्थियों को अंतिम क्षणों के लिए खुद को तैयार करने का गुर सिखाते हुए 63वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के सेंकेंड टॉपर अनुराग कुमार ने कहा कि अभ्यर्थी अंतिम क्षणों में बिल्कुल ही नहीं हड़बड़ाएं. अब तक जो पढ़ा, उसका 24 घंटे पहले (शुक्रवार) तक एक पुनरावलोकन कर लें. शनिवार को बिल्कुल पढ़ाई न करें और ध्यान को भटकने से बचाने के लिए जरूरत हो, तो दैनिक समाचारपत्र या हल्का-फुल्का ही कुछ पढ़ें.
24 घंटे पहले से खुद को छोड़ दिया था पूरा रिलैक्स
मैंने भी अपने को पीटी से 24 घंटे पहले खुद को पूरा रिलैक्स छोड़ दिया था. परीक्षा से एक रात पहले पूरी नींद ली थी और अगले दिन समाचारपत्र पढ़ते हुए सेंटर के लिए निकल पड़ा था. वहां पहुंचकर भी मैंने बिना किसी तनाव के सामान्य रूप से खाना खाया और उसके बाद रिलैक्स मूड में परीक्षा देने गया. यही वजह है कि परीक्षा के दौरान मैं मनमाफिक प्रदर्शन कर सका. अनुराग ने कहा कि दिमाग के हल्का और तनावमुक्त रहने पर परीक्षा भवन में प्रश्न को जल्द रिकॉल करने में मदद मिलती है और एक्यूरेसी रेट भी बेहतर रहता है. जबकि अंतिम क्षण तक पढ़ने से और हड़बड़ाहट या घबराहट की मन:स्थिति बन जाती है, जिससे व्यक्ति प्रश्नों के उत्तर को जल्द और सही रूप में रीकॉल नहीं कर पाता है. इससे गलती होने की आशंका बढ़ जाती है.
तीन प्रयास में करें प्रश्नों को हल
अनुराग ने अभ्यर्थियों से परीक्षा भवन में जटिल प्रश्नों में उलझकर महत्वपूर्ण समय नहीं गंवाने की सलाह दी. उन्होंने परीक्षा के दौरान अपनायी गयी रणनीति को अभ्यर्थियों से साझा करते हुए उन्हें तीन प्रयास शॉट में प्रश्नों को हल करने के लिए कहा. पहले प्रयास में आमतौर पर अभ्यर्थी 150 में से 100 से 110 तक प्रश्नों को हल कर देता है. दूसरे प्रयास में बचे 40-50 प्रश्नों में 10 से 20 प्रश्न वह ठीक-ठीक हल कर पाता है. चूंकि 68वीं में निगेटिव मार्किंग है, इसलिए जिन अभ्यर्थियों ने पहले दो प्रयास में 120-130 प्रश्नों को हल कर लिया है, उन्हें बचे 20-30 प्रश्नों में अनावश्यक जोखिम लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके बिना भी उनका चयन हो जायेगा. यदि पहले दो प्रयास में 120-130 तक नहीं पहुंचे हैं तो ऐसे प्रश्नों में कैल्कुलेटेड रिस्क ले सकते हैं, जिनके बारे में आप कुछ जानते हैं. कई प्रश्न ऐसे होते हैं जिनमें आपको दो विकल्पों में संशय होता है. ऐसे प्रश्नों को हल किया जा सकता है, क्योंकि निगेटिव मार्किंग में केवल एक चौथाई अंक ही काटे जायेंगे.