इस बीच आसपास में काम कर रहे ग्रामीणों ने हो-हल्ला किया. तब बाघ घायल महतो को छोड़कर जंगल की तरफ जाने लगा. तबतक भारी संख्या में ग्रामीण वहां लाठी, भाला व परंपरागत हथियार लेकर पहुंच गए. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने बाघ को घेर लिया. भाला व लाठी से बाघ की जमकर पिटाई कर दी. इसमें बाघ की मौत हो गयी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि बाघ को मारा नहीं जाता, तो कई ग्रामीणों को अपनी चपेट में ले लिया होता. इलाका पुलिस कार्यालय पटेरवा सुगौली के पुलिस निरीक्षक रामराजा केशरी ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली हमलोग पहुंचे. तबतक स्थानीय लोगों ने बाघ को मार दिया था. इसकी सूचना जिला पुलिस कार्यालय को देते हुए हमलेाग घायल भीमबली महतो थारू को बेहतर उपचार के लिए वीरगंज के अस्पताल में लेकर आए, जहां उनका इलाज चल रहा है.
सकुवा परसौनी गांवपालिका के अध्यक्ष (मुखिया) जशवंत यादव ने बताया कि जंगली क्षेत्र से रिहायशी इलाका सटा होने के कारण यहां इस तरह की घटना हमेशा होती रहती है. ग्रामीण अपनी जानमाल की सुरक्षा के लिए घर में लाठी, भाला जैसे हथियार रखते हैं. शनिवार की घटना में बाघ हमला के बाद घायल को घसीटकर जंगल की तरफ ले जा रहा था. इससे लोगों ने आक्रोश में आकर बाघ को मार दिया.
घायल भीमबली महतो की हालत गंभीर बनी हुई है. उनका उपचार नारायणी अस्पताल के आइसीयू में चल रहा है. बाघ के शव को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है. पुलिस मामले में विधि संवत कार्रवाई कर रही है. पूरा इलाका पर्सा राष्ट्रीय निकुंज (जंगल क्षेत्र) के अंतर्गत आता है. यहां बाघ सहित अन्य जानवरों की संख्या अच्छी है.
कुमार विक्रम थापा, डीएसपी, पर्सा
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