Chhath Puja 2024: पहली बार उठा रही हैं छठ? इन 3 खास नियमों का रखें ध्यान, होगी विशेष कृपा!
Chhath Puja 2024: यदि आप पहली बार छठ का व्रत उठा रही हैं तो आपको इस महापर्व से जुड़े इन 3 खास नियमों के बारे में जान लेना चाहिए। इसके बिना यह पर्व अधूरा माना जाता है।
By Aniket Kumar | November 5, 2024 11:00 AM
Chhath Puja 2024: यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए छठ पूजा एक खास त्यौहार है। इस त्यौहार का विशेष महत्व है। इन राज्यों समेत देश के कोने-कोने में हर साल दिवाली के छह दिन बाद भगवान सूर्य और छठ मैया को समर्पित चार दिवसीय छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और समापन सप्तमी तिथि के दिन होता है। बता दें, छठ पूजा काफी कठिन व्रत है, क्योंकि इसमें व्रतियां पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। ऐसे में यदि आप पहली बार छठ उठा रही हैं, तो आपको इससे जुड़े इन खास नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। नहीं तो हो सकता है आपको अपने व्रत का पूरा फल न मिले। आइए, अब जानते हैं छठ से जुड़े उन विशेष नियमों के बारे में।
छठ पूजा का महत्व
इस चार दिवसीय छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना की जाती है। 36 घंटे के व्रत के दौरान डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है और इस महापर्व का समापन हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ का व्रत खासतौर पर महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि माताएं सच्चे मन से ये व्रत करती हैं, तो छठी मैया उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
छठ पूजा की खास तिथियां
इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। और इसका समापन 4 दिन बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होता है।
नहाय-खाय: 5 नवंबर 2024
खरना: 6 नवंबर 2024
संध्या सूर्य अर्घ्य: 7 नवंबर 2024
प्रातः सूर्य अर्घ्य: 8 नवंबर 2024
व्रत का पारण: 8 नवंबर 2024
छठ पूजा से जुड़े नियम
नहाय-खाय के दिन घर की साफ-सफाई होती है। सभी घरवालों को उस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और साफ धुले हुए कपड़े पहनने चाहिए।
इस महापर्व में इस्तेमाल होने वाला प्रसाद केवल मिट्टी के चूल्हे पर बनाना शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि जिन लोगों ने व्रत रखा है, केवल उन्हें ही छठ का प्रसाद बनाना चाहिए। प्रसाद बनाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
जो महिलाएं छठ व्रत करती हैं, उन्हें इन चार दिनों के दौरान जमीन पर सोना चाहिए।