Caste Census: तेजस्वी नहीं सीएम नीतीश ने किया था जातीय सर्वे का ऐलान, क्रेडिट लेने में जुटी RJD 

Caste Census: केंद्र सरकार ने बुधवार को 2025 की जनगणना में जातीय गणना शामिल करने का ऐलान किया. सरकार के इस फैसले को राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे अपना और महागठबंधन का जीत बताया था. उनके इस बयान पर अब बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने तीखा हमला बोला है.

By Prashant Tiwari | May 2, 2025 4:10 PM
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Caste Census: केंद्र की मोदी सरकार ने जब से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया है. तभी से पूरे देश में खासकर बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसका क्रेडिट लेने के लिए होड़ मचा हुआ है. विपक्ष खासकर राजद के नेता इसे जहां लालू यादव और तेजस्वी यादव की जीत बता रहे हैं. वहीं, सत्ता पर काबिज जनता दल यूनाइटेड के नेता इसका श्रेय सीएम नीतीश कुमार को दे रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ताजा बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वेक्षण का पूरा श्रेय नीतीश कुमार और उनकी सरकार को जाता है. तेजस्वी  बिना मेहनत किए इसका क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं.  

नीतीश कुमार ने किया था जातीय सर्वेक्षण का ऐलान: जेडीयू

दरअसल, जब केंद्र सरकार ने 2025 की जनगणना में जातीय गणना शामिल करने का ऐलान किया तो  तेजस्वी यादव ने इसे अपनी और महागठबंधन की जीत बताया था. उन्होंने दावा किया कि बिहार में 2023 में कराया गया जातीय सर्वेक्षण उनकी पहल का नतीजा था. इस पर अशोक चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “देखिए, इन लोगों ने अपने समय में कुछ नहीं किया. अब क्रेडिट लेने की होड़ मचाए हुए हैं। तेजस्वी चिंता न करें, जो करेंगे, हम लोग ही करेंगे. बिहार में जातीय सर्वेक्षण की घोषणा नीतीश कुमार ने की थी, जब राजद गठबंधन में नहीं थी.”

राहुल गांधी ने बिहार के सर्वे को बताया था फर्जी: अशोक चौधरी 

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार के जातीय सर्वे को “फर्जी” कहे जाने पर भी अशोक चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और उनके लोग जुबानी राजनीति करते हैं, लिप सर्विस में माहिर हैं. अगर हमारा सर्वे फर्जी था, तो अपने शासित राज्यों में सही सर्वे क्यों नहीं कराया? तुलना करने से पहले कुछ करके दिखाएं.”नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी वो नेता हैं, जिन्होंने कथनी से ज्यादा करनी पर ध्यान दिया.”

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जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी 

जातीय जनगणना में मुस्लिम समुदाय को शामिल करने की मांग पर चौधरी ने सहमति जताई. उन्होंने कहा, “मुसलमानों में पसमांदा समाज है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा है. अंसारी, बुनकर, जुलाहा जैसे समुदायों की हिस्सेदारी न के बराबर है. जिसकी जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी का फॉर्मूला लोकतंत्र का आधार है. हाशिए पर पड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान जरूरी है.”

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