बिहार में बारिश कम होने पर धान और मक्के के खेतों में दरारें, वैकल्पिक खेती की तैयारी में जुटा कृषि विभाग

Bihar News: सारण में कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार अबतक 52.37 फीसदी कम बारिश हुई है. कम बारिश के कारण मक्का के खेत जहां उजले हो गये है. वहीं खेतों में दरारें पड़ गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2022 6:23 PM
an image

बिहार के छपरा में खरीफ में मॉनसून की बेरूखी के बीच धान की रोपनी तथा मक्का की बुआई के बीच का समय समाप्त हो चुका है. बावजूद लक्ष्य के 14.69 फीसदी धान तथा 12.36 फीसदी मक्का की बुआई नहीं हो पायी है. वहीं जिन क्षेत्रों में धान तथा मक्का की रोपनी की गयी है. उनमें अधिकतर खेतों में मानसून की बारिश नहीं होने के कारण दरारें पड़ गयी है तथा फसल मुरझा रहे है. मक्का की फसलों को तो अभी कुछ राहत है भी परंतु एक तो देर से रोपनी व रोपनी के बाद बारिश नहीं होने तथा सिंचाई के साधनों की अनुपलब्धता के बीच लाचार किसानों के कलेजे फट रहे है. परंतु उनके पास कोई चारा नहीं दिखता.

धान व मक्के के खेतों में दरारें

सरकार के द्वारा डीजल सब्सिडी देने की घोषणा की गयी है. परंतु इस भीषण धूप एवं अल्पवृष्टि की स्थिति में उनके निजी संसाधन जो, आवश्यकता से काफी कम है वो कारगर साबित नहीं हो रहे है. ऐसी स्थिति में किसानों को एक बार फिर सूखे के कारण वर्तमान फसलों के कारण भविष्य की रबी फसलों की चिंता भी सताने लगी है. जानकारी के अनुसार सारण में 83 हजार 76 हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य था. परंतु, महज 70 हजार 791 हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो पायी है. इसी प्रकार 30455 हेक्टेयर में मक्का की खेती का लक्ष्य था. जबकि महज 26386 हेक्टेयर में मक्का का बुआई हो पायी है. अब जब रोपनी का समय खतम हो गया है. किसानों के समक्ष अपने फसलों के बचाने की चिंता सता रही है.

Also Read: बिहार में छिटपुट बारिश ने दिलायी गर्मी से राहत, किसानों को झमाझम बारिश का इंतजार, जानें मौसम अपडेट
वैकल्पिक खेती की तैयारी में जुटा कृषि विभाग

सारण में कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार अबतक 52.37 फीसदी कम बारिश हुई है. कम बारिश के कारण मक्का के खेत जहां उजले हो गये है. वहीं खेतों में दरारें पड़ गयी है. उधर कृषि विभाग के द्वारा सूखे के मद्देनजर वैकल्पिक खेती की योजना बनाने का दावा किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत मड़ुआ, उड़द, सूर्यमुखी, बाजरा आदि फसलों की खेती का लक्ष्य रखा गया है. यदि इन फसलों का बीज समय पर बिहार राज्य बीज निगम से नहीं मिला तो, किसान चाह कर भी वैकल्पिक फसलों की खेती नहीं कर पायेंगे. हालांकि कृषि विभाग के पदाधिकारी सरकार को इस संबंध में पत्राचार कर वैकल्पिक खेती के लिये बीज उपलब्ध कराने के लिये पत्राचार करने का भी दावा कर रहे है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version