Nalanda: पुलिस को चकमा देने के लिए दरवाजे में बनाया गुप्त खुफिया खांचा, बरामद हुई जिंदा कारतूस

Nalanda Crime News: नालंदा के बैरीगंज गांव में अवैध हथियार निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ. आरोपी ने दरवाजे में खुफिया खांचा बनाकर हथियार छिपा रखे थे. पुलिस ने अर्धनिर्मित हथियार, कारतूस और उपकरण बरामद किए. संगठित गिरोह की आशंका के तहत जांच तेज़ की गई है.

By Nishant Kumar | July 2, 2025 6:18 PM
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सुनील कुमार/नालंदा/बिहार: अपराधियों की साजिशें अब फिल्मों की पटकथा को मात देने लगी हैं. नालंदा जिले के चिकसौरा थाना क्षेत्र के बैरीगंज गांव में संचालित अवैध हथियार निर्माण इकाई का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. फरार आरोपी ने पुलिस की नजरों से बचने के लिए घर के मुख्य दरवाजे में विशेष ‘खुफिया खांचा’ बना रखा था, जहां हथियार और कारतूस छिपा कर रखे गए थे. 

घर में बना रखा था खुफिया ढांचा 

इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए हिलसा अनुमंडल के डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बैरीगंज गांव निवासी स्वर्गीय तेजू बिन्द का पुत्र तनिकन बिन्द अवैध हथियार बनाकर बेचता है. सूचना के आधार पर एक विशेष टीम गठित कर आरोपी के घर पर छापेमारी की गई. पुलिस की भनक लगते ही आरोपी मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने घर की सूक्ष्म तलाशी के दौरान दरवाजे के पास दीवार में एक संदिग्ध सुराख को नोटिस किया. जांच करने पर पता चला कि वह हिस्सा विशेष रूप से काटकर हथियार छिपाने के लिए गुप्त तहखाने के रूप में तैयार किया गया था. वहां से पांच जिंदा कारतूस, हथियार निर्माण के उपकरण और अर्ध-निर्मित हथियार बरामद किए गए.

पुलिस ने क्या कहा ? 

डीएसपी सुमित कुमार ने इस तकनीक को “क्राइम की नई शैली” बताते हुए कहा कि अब अपराधी हथियारों को छिपाने के लिए घर के सामान, दीवारों, दरवाजों और फर्नीचर तक में बदलाव कर रहे हैं ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके. बरामद सभी सामग्री को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. आरोपी तनिकन बिन्द के खिलाफ पहले से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है. 

छापेमारी में शामिल रहे ये अधिकारी

इस छापेमारी में अंचल निरीक्षक चन्द्रभानु, चिकसौरा थानाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, करायपरसुराय थानाध्यक्ष अमित कुमार सिंह, दरोगा रामचन्द्र मंडल, विजय कुमार समेत दोनों थानों के सशस्त्र बल की सराहनीय भूमिका रही. 

काम कर रहा है संगठित गिरोह

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इन मिनी फैक्ट्रियों के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जिसकी जड़ें स्थानीय से लेकर अंतर-जिला स्तर तक फैली हो सकती हैं. पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए जांच तेज़ी से जारी है.

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पहले भी उजागर हुआ है हथियार निर्माण का नेटवर्क

यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी साल 14 जून 2025 को चिकसौरा बाजार निवासी शंकर विश्वकर्मा के मकान में भी मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था. उस दौरान पुलिस ने वहां से चार अर्ध-निर्मित देसी पिस्तौल की बॉडी, चार बैरल, एक लोहे-लकड़ी से बना देसी कट्टा (लकड़ी पर लाल रंग का पेंट), एक देसी पिस्तौल और अन्य हथियार निर्माण उपकरण बरामद किए थे. पुलिस ने मौके से आरोपी शंकर विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया था.

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