दरभंगा. शनिवार को हुई भारी बारिश ने पूरे शहर को भींगो कर रख दिया. पानी में गली-मोहल्ले की तमाम सड़के डूब गईं. दो से तीन फूट तक पानी जमा हो गया. पानी ओवरफ्लो होने से नाला और सड़क का भेद मिट गया. सड़क पानी में विलिन हो जाने से गली-मोहल्ला जलमग्न हो गया. निचले इलाके के दर्जनों घरों में भी वर्षा का पानी घूस जाने से आवासितों की मुश्किलें बढ़ गई. साथ ही उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में पानी घुसने की वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
इधर सामान बचाने व अपने घरों से पानी उपछने के लिये लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. दो से तीन फूट पानी जमा होने से चालकों बंद पड़ गये वाहनों को dधक्का देकर पानी से निकालते नजर आए. जलजमाव ने जीवन यापन करने वालो फुटपाथियों की भी परेशानी बढ़ा दी. वहीं शनिवार का दिन होने के कारण स्कूली बच्चों को वर्षा के पानी में भीगते हुये सड़क पर जमा पानी के बीच घर जाने में कठिनाईयों का सामना करते देखा गया. हवा के साथ हुई बारिश से नगर के बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गई. कहीं डेढ घंटे तो कहीं तीन घंटे बिजली आपूर्ति ठप रही.
DMCH के आपातकालीन विभाग में पानी प्रवेश करने के कारण चिकित्सक, कर्मी, मरीज व उनके परिजनों की परेशानियां काफी बढ़ गई है. आपातकालीन विभाग के कमरे में पानी प्रवेश कर जाने के चिकित्सक व कर्मी गंदे पानी में खड़े होकर मरीज का इलाज करने को विवश है. वही आपातकालीन विभाग स्थित सर्जिकल विभाग के डीसीडब्ल्यू में पानी प्रवेश कर जाने के कारण मरीज के परिजन पैर को ऊपर कर बैठे है. अगर बारिश नहीं थमी तो डीएमसीएच के अन्य वार्डों में भी पानी प्रवेश कर जाएगी.
अपने परिजन का इलाज कराने आए बैजू चौपाल ने कहा कि सुबह से हो रही बारिश के कारण कमरे के अंदर पानी प्रवेश कर गया है. जिसके चलते हम लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. कमरे में पानी प्रवेश कर जाने के कारण हम लोग मजबूरी में पैर ऊपर करके बैठे हुए हैं. कमरे में पानी प्रवेश कर जाने के कारण चप्पल, निडिल व अन्य सर्जिकल सामान पानी में तैर रहा है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह हो गई है कि अब हम लोग खाना कहां खायेंगे और सोएंगे कहां. वहीं उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए सरकार को सोचना चाहिए.
नेपाल के धनुषा जिला से अपने रिश्तेदार का इलाज कराने आए रणधीर ने कहा कि हमारे साढू के लड़के का तबीयत खराब होने के कारण बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया गया. लेकिन यहां आने के बाद काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर व्यवस्था की घोर कमी है. आपातकालीन विभाग में पानी घुसा हुआ है. हमारे नेपाल में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं है. यहां की सरकार को इस व्यवस्था को ठीक करना चाहिए.
इन मोहल्लों में लगा पानी
सुबह करीब 11 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक मुसलाधार बारिश हुई. इससे पूर्व रुक-रुककर बूंदा-बांदी होती रही. बारिश के पानी से अधिकांश मोहल्ले की सड़क व नाला पानी में डूबे रहे. घरों तक में पानी प्रवेश कर गया. पानी उपछने में परिवार के सदस्यगण जुटे रहे. पुरुष, महिला, बुजूर्ग व बच्चे बर्त्तनों के सहारे घरों में घूसे पानी को उपछते रहे. कुछ जगह मोटर के सहारे पानी निकालने की जद्दोजहद करते रहे.
हालांकि चरमराई बिजली व्यवस्था के कारण मोटर बंद होने से पानी निकालने के लिये बर्त्तनों का सहारा लोगों को लेना पड़ा. लक्ष्मीसागर, कटरहिया, जेपी चौक से विद्धापति चौक रुट, बीरा, सुंदरपुर, परमेश्वर चौक से बापू चौक वाली रुट, पटेल चौक, आजमनगर, कादिराबाद, दरभंगा टावर, निगम कार्यालय रोड व नगर भवन चौरंगी सीएम साइंस कॉलेज परिसर, भगवानदास मोहल्ला, जेठियाही, रामजानकी मंदिर रोड, बंगांली टोला, बलभद्रपुर, कटरहिया उर्दू, शुभंकरपुर, कटहलबाड़ी सिंधी टोला, छपकी आदि दर्जनों मोहल्ले जलमग्न रहा.
बादल लगे देख सशंकित लोग
बारिश थमने के बाद के पानी निकास के लिये लगते वक्त के मद्देनजर लोग सशंकित है. बारिश होने की स्थिति में ओवरफ्लो होते नाला व पानी में विलिन होते सड़क तथा घरों में वर्षा का पानी प्रवेश करने से होने वाली समस्या चिंतित कर रहा है.
तीन घंटे गुल रही बिजली
हवा के साथ हुई मुसलाधार बारिश ने निर्वाध बिजली आपूर्ति को भी प्रभावित कर दिया. कही लाइन ब्रेक डाउन, तो कही 33 केवीए लाइन के संपर्क में पेड़ की टहनियों के आने से समस्या बनी रही. नगर के लक्ष्मीसागर उपकेंद्र तक गंगवाड़ा से आने वाली 33 केवीए लाइन से पेड़ की टहनियों के संपर्क में आने से दोपहर करीब 1.15 बजे से खबर लिखे जाने तक बिजली आपूर्ति ठप रही. बेला के शिवधारा व एरियाबोर्ड के टावर फीडर ब्रेक डाउन रहा. अन्य उपकेंद्रों से जुड़े फीडरों की भी कुछ ऐसी स्थिति रही.
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