Darbhanga News: कमतौल. कथा की सार्थकता तब सिद्ध होती है जब हम इसे अपने जीवन में उतार लें. यह बात गौतमाश्रम में गोलोकवासी महंत महावीर शरण दास की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित नौ दिवसीय दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरे दिन कथा वाचिका दीदी भक्ति प्रभा ने बुधवार को कही. उन्होंने कहा कि राम कथा का श्रवण कर हर मनुष्य अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण कर सकते हैं. राम कथा श्रवण मात्र से मन को शांति व मुक्ति मिलती है. उन्होंने कहा कि राम कथा श्रवण से जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट होते हैं. कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है. मनुष्य का सोया हुआ ज्ञान-वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है. उन्होंने कहा कि कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है. कथा श्रवण का फल उसी को प्राप्त होता है, जो संस्कारवान हो अर्थात घर में माता-पिता का प्रति दिन पैर छूकर आशीर्वाद ले.
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