Darbhanga News: दरभंगा. नवविवाहिताओं का विशिष्ट लोकपर्व मधुश्रावणी रविवार को टेमी की रस्म अदायगी के साथ संपन्न हो गया. इसके साथ ही करीब एक पखवाड़ा से पारंपरिक लोक गीतों से गूंज रही गलियां व बाग-बगीचों में खामोशी पसर गयी. इसे लेकर आयोजक परिवार में उत्सवी वातावरण बना रहा. उल्लेखनीय है कि मिथिला में नवविवाहिता के प्रथम वर्ष में मधुश्रावणी पूजन का विधान है. हालांकि विवाहिताएं अक्षय सुहाग एवं सुखद दांपत्य की कामना के साथ आजीवन मधुश्रावणी पर व्रत रखती हैं. इसके तहत रविवार को विवाहिताओं ने व्रत रखा. बिना नमक का भोजन ग्रहण किया. मधुश्रावणी को लेकर अहले सुबह से ही आयोजक परिवार में हलचल मची हुई थी. एक तरफ जहां पुरुष सदस्य बेटी के ससुराल से आये अतिथियों के स्वागत-सत्कार की तैयारी में जुटे थे, तो दूसरी ओर महिलाएं विधि-विधानपूर्वक मधुश्रावणी पूजन के लिए भागदौड़ कर रही थी. व्रती ने स्नान के बाद ससुराल से आया परिधान धारण किया. नख-शिख शृंगार किया. आभूषण धारण किये. इसके बाद कोहवर घर में अपने पति के साथ पूजा के आसन पर जा बैठी. महिला पंडिताइन ने विधिवत भगवान शिव एवं भगवती पार्वती के साथ विषहारा का पूजन कराया. कथा कही. इस दौरान एक सुहागन चुपचाप सुहाग मंथन करती रही. पूजन संपन्न होने के बाद इस सुहाग का वितरण प्रसाद स्वरूप विवाहिताओं के बीच किया गया. वहीं बेटी के ससुराल से आये भाड़ की सामग्री का वितरण आगंतुकों के बीच किया गया. इस दौरान पारंपरिक लोक गीतों के बोल वातावरण में मिठास घोलते रहे.
संबंधित खबर
और खबरें