Darbhanga News: दरभंगा. 15 सूत्री मांगों को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लनामिवि मुख्यालय आंदोलन किया. इससे पहले छात्र- छात्रा हराही तालाब के निकट बहुउद्देशीय भवन परिसर में जुटे. वहां से दो कतारों में रैली निकाली. छात्र-छात्रा हाथों में झंडा, बैनर और मांग लिखी तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए विवि पहुंचे. इधर, विवि परिसर मे आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर पुख्ता व्यवस्था की गई थी. वज्रवाहन, विभिन्न थाना की पुलिस बल सहित निजी सुरक्षा बल एलर्ट मोड में मौजूद थे. छात्रों की रैली जब विवि के मुख्य गेट से होते हुए प्रशासनिक भवन तक पहुंची, तो प्रशासनिक भवन परिसर छात्रों से भर गया. कुलपति कार्यालय के सामने पहुंच कर सभा की गयी. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधाभूषण राय ने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाना ही हमारा संकल्प है. यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए है. हम अपने हक की बात कर रहे हैं. कहा कि मिथिला क्षेत्र के छात्र अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे अपनी शिक्षा, सम्मान और अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे. यह आंदोलन न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक संदेश है, कि छात्रों की आवाज अब दबाई नहीं जा सकती.
मिथिला के युवा अपने हक के लिए आंदोलन से पीछे नहीं
मिथिलावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि मिथिला के युवा अपने हक के लिए आंदोलन से पीछे नहीं हटते हैं. इन्हें डराने की कोशिशें भी काम नहीं आएगी. छात्र शांतिपूर्ण तरीके से अधिकार मांग रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन को इन मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए. विश्वविद्यालय संयोजक अमन सक्सेना ने कहा कि यह आंदोलन बताता है कि अब छात्र समुदाय जाग चुका है. हमें ससमय नामांकन, परीक्षा और रिजल्ट चाहिए. नियमित सत्र चाहिए. अब बहाना और विवि प्रशासन द्वारा वर्षों से दिये जा रहे झूठे आश्वासन से काम नहीं चलेगा.
15 दिनों में बात नहीं बनी तो होगा कुलपति आवास का घेराव
विश्वविद्यालय अध्यक्ष अनीश चौधरी ने कहा कि अगर कुलपति 15 दिनों के भीतर छात्र प्रतिनिधियों से संवाद नहीं करते हैं, तो अगला कदम कुलपति आवास का अनिश्चितकालीन घेराव का होगा. कोषाध्यक्ष नारायण मिश्रा ने कहा कि संगठन ने हमेशा सत्य और अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है. छात्र प्रतिनिधियों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुछ मांगों पर सकारात्मक संकेत मिले हैं, किंतु कुलपति की अनुपस्थिति और संवादहीनता ने छात्रों को नाराज कर दिया. आंदोलन में रजनीश प्रियदर्शी, प्रियंका मिश्रा, अर्जुन दास, आदर्श राय, आदर्श मिश्रा, अनीश कर्ण, इंद्र कुमार राज, प्रतीक सत्संगी, पिंटू यादव, सूरज ठाकुर, सोनू मेहता, रिमझिम कुमारी, मुस्कान कुमारी, आनंद कुमार, कुंदन भारती, अंकित, विश्वनाथ, किशन, कृष्णमोहन, सुमित,अमित आदि मौजूद थे.
इन मांगों को लेकर हुआ आंदोलन
इनकी मांगों में स्नातक एवं पीजी का सत्र नियमित करना, प्रोफेसर, कर्मचारी एवं लाइब्रेरियन की बहाली, सभी कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई, कॉलेजों में छात्रावास का निर्माण, डीडीई में पुनः नामांकन प्रारंभ करना, लॉ कॉलेज में सीटों की बढ़ोतरी, परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता एवं समयबद्धता, ऑनलाइन नामांकन एवं परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया में सुधार शामिल है. विकलांग एवं दूरदराज के छात्रों के लिए विशेष सुविधा, पुस्तकालय को डिजिटल बनाना,स्पोर्ट्स एवं कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ावा देना, कैंपस में सुरक्षा एवं स्वच्छता की व्यवस्था, गर्ल्स हॉस्टल में सुविधाओं का विस्तार, प्रत्येक कॉलेज में इंटरनेट और स्मार्ट क्लास की सुविधा मुहैया कराना शामिल है.
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