Darbhanga News: जाले. चिलचिलाती धूप व भीषण गरमी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के लिए लोग आकाश की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. मोबाइल के मौसम पूर्वानुमान की सूचना देख बारिश की उम्मीद लगाते हैं, लेकिन निराशा ही हाथ आती है. सुबह से ही सूर्य की किरणें सूई की तरह बदन में चुभती मालूम पड़ती है. इस कारण लोग धूप में निकलने से कतराते हैं. इस विकराल समय में सबसे अधिक प्रभावित मत्स्य पालन, मखान उत्पादन, धान की नर्सरी और मूंग की फसल हो रही है. बताया जाता है कि तालाबों में कम पानी होने के कारण वह अत्यधिक गर्म हो जाता है. इससे ऑक्सीजन लेवल कम हो गया है, जिस कारण मछलियां मरने लगी हैं. वहीं तालाबों में लगे मखाना के पौधे भी इससे प्रभावित हैं. इधर धान की नर्सरी में दरारें पड़ गयी हैं. बिचड़े को बचाने के लिए किसानों को लगातार पटवन करना पड़ रहा है. रतनपुर के किसान चन्दर दास, विजय दास, राजेश्वर सहनी का कहना है कि पटवन करने के दूसरे ही दिन नर्सरी में दरारें पड़ने लगती हैं. वहीं गरमा मूंग फसल की तोराई तेजी से चल रहा है. कुछ किसानों का दूसरा तोड़न भी समाप्ति की ओर है. रतनपुर में मूंग तोड़ रही महिला बनारसी देवी का कहना था कि खेतों में नमी का अभाव रहने के कारण पौधे झुलस रहे हैं. इस कारण फलन भी प्रभावित हो गया है.
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