Darbhanga News: कमतौल. बारिश का महीना आषाढ़ गुरुवार को बीत जायेगा. इस दौरान एक दिन भी अच्छी बारिश नहीं हुई. शुक्रवार से सावन का महीना शुरू होगा, लेकिन मौसम के करवट बदलते रहने से सावन भी सूखा ही रहने की आशंका है. मानसून में एक भी दिन अच्छी बारिश नहीं होने से बड़े तालाब सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं और कई छोटे तालाब तो सूख भी गए हैं. छोटे-छोटे गड्ढ़े और नाले में दरार फट गयी हैं. पक्षियों का झुंड प्यास बुझाने के लिए लोगों की छत पर मंडराने लगे हैं. खेतों की लगी फसलें सूखने लगी हैं. बारिश नहीं होने से किसान धान रोपने से परहेज कर रहे हैं. अधिकांश किसानों के चेहरों पर सुखाड़ की चिंता में माथे पर पड़ी लकीरें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं. बारिश नहीं होने से गांव-गांव में चापाकल सूखने लगे हैं, इससे जगह-जगह पेयजल की किल्लत शुरू हो गयी है. यदि दो-चार दिनों में मूसलाधार बारिश नहीं हुई तो जलसंकट की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है. इधर, अधिकांश किसानों ने दो-चार दिन होने वाली बूंदाबांदी के बीच धान का बिचड़ा तैयार कर लिया था, अब उन बिचड़ों को भी बचाने में भी किसानों को परेशानी हो रही है. जलस्तर खिसकने से बोरिंग भी अब हांफने लगे हैं. ऐसे में बोरिंग संचालक बोरिंग चलाने में आनाकानी करने लगे हैं. एक बोरिंग संचालक ने बताया कि पहले एक घंटा में कम से कम दो से तीन कट्ठा खेत की सिंचाई कर देते थे, अब पूरे दिन में पांच से सात कट्ठा खेत की सिंचाई नहीं हो पाती. किसानों ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से मानसून सामान्य रहने का अनुमान बताया गया था. उम्मीद थी कि औसत बारिश होगी, लेकिन पर्याप्त बारिश नहीं हुई है.
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