CM नीतीश के इन फैसलों ने बदल दी महिलाओं की तकदीर, विपक्ष भी करता है तारीफ
Bihar: 2005 में सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने सूबे की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इसका असर भी अब जमीन पर दिखने लगा है.
By Prashant Tiwari | December 1, 2024 6:34 PM
बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का वक्त बचा हुआ है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी से ही 2025 में होने वाले चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. उन्होंने आगामी 15 दिसंबर से महिला संवाद यात्रा निकालने की घोषणा की है. इस दौरान वह सूबे में महिलाओं के लिए किए गए अपनी सरकार के कामों को गिनाने का काम करेंगे. हालांकि यह बात पूरी तरह से सच है कि नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद से राज्य की महिलाओं का जो विकास हुआ वह आजादी के लगभग 6 दशक बीतने के बाद भी नहीं हो पाया था. ऐसे में हम आपको आज नीतीश सरकारी की उन कुछ चुनिंदा योजनाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने महिलाओं के विकास में अहम योगदान निभाया.
महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान
2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिसमें पंचायती राज और नगर निगमों जैसे स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देना शामिल है. महिलाएं पंचायतों की मुखिया, वार्ड सदस्य और नगर पार्षद के रूप में स्थानीय शासन में प्रमुख भूमिका निभाती हैं. यह सब सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों की बदौलत है. जीविका दीदी के मॉडल को देश ने सराहा है. जीविका दीदी को लेकर आजीविका योजना चलाई जा रही है. बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. लड़कियां घर से निकलकर स्कूल जा रही हैं.
शराबबंदी का वादा किया पूरा
आर्थिक रुप से कमजोर बिहार में शराब एक अहम मुद्दा रहा है. मजदूर और गरीब घर के पुरुष अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब पर खर्च कर देते थे. इस वजह से महिलाओं को घर चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इसको देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी करके महिलाओं की सबसे बड़ी परेशानी दूर कर दी. शराबबंदी से पहले घरों में शराब को लेकर मारपीट होती थी. हालांकि यह अभी पूरी तरह से बंद नहीं हो पाया है लेकिन बहुत हद तक कम हो गया है. सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार को हर साल खरबों का घाटा हो रहा है. इसके बावजूद नीतीश अपने फैसले पर अडिग हैं.
लड़कियों को दिया पढ़ाई का खर्च
नीतीश कुमार के सीएम बनने से पहले बिहार में लड़कियों के स्कूल ड्रॉप आउट रेट बहुत ज्यादा था. इसे कम करने के लिए नीतीश कुमार ने स्कूल जाने वाली लड़कियों को मुफ्त साइकिल देने की योजना के साथ-साथ स्नातक करने वाली बालिकाओं को 50 हजार रुपये की मदद भी दी. इन योजनाओं से बिहार की लड़कियों के साथ-साथ ही नीतीश कुमार को काफी लाभ भी हुआ है.
हमेशा से नीतीश कुमार के समर्थन में रही हैं महिला वोटर
2005 में बिहार की कमान संभालने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने लालू यादव के शासन के दौरान बेलगाम हुए अपराध को तेजी से कम किया. जिससे लोगों के जीवन में न सिर्फ बदलाव आया. बल्कि जब घर के सदस्य देर रात सकुशल लौटने लगे तो महिलाओं में नीतीश कुमार के लिए अलग से सहानुभूति पैदा हुई और इसका असर लगभग हर विधानसभा चुनाव में देखने के लिए मिला. जहां भाजपा, कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां जितना महिला वोट पाती है. नीतीश कुमार की जेडीयू अकेले उतना वोट हासिल करती है.