मोतिहारी. इप्टा के राष्ट्रीय सांस्कृतिक अभियान के तहत सांस्कृतिक जत्था बिहार के मोतिहारी में आयेगा. प्रेम, मोहब्बत और सौहार्द के संदेश को लेकर देश भर कलाकार बिहार में चेतना संदेश बढ़ाएंगे. ढाई आखर प्रेम राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा की तैयारी को ले कर इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों के साथियों के साथ मोतिहारी आये और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता से चर्चा विमर्श किया. यह जानकारी बिहार इप्टा के कार्यकारी महासचिव फीरोज अशरफ खां ने दी.
जन सांस्कृतिक आन्दोलन को तेज करने को आवश्यकता
कार्यक्रम की तैयारी के तहत सबसे पहले समाजसेवी विनय कुमार के साथ जसौली पट्टी में बैठक संपन्न हुई. बैठक में कोटवा प्रखंड प्रमुख, पूर्व मुखिया, वार्ड सदस्य और ग्रामीण शामिल हुए. बैठक में महात्मा गांधी के किसानों के संघर्ष को रेखांकित करते हुए आज के विपरीत समय में किसानों, युवकों, दलितों और महिलाओं के नेतृत्व में जन सांस्कृतिक आन्दोलन को तेज करने को आवश्यकता बतायी.
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अक्टूबर महीने में आएगी ढाई आखर प्रेम पद यात्रा
राष्ट्रीय महासचिव तनवीर अख़्तर ने कहा कि इप्टा का सांस्कृतिक अभियान व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ने और प्यार, मोहब्बत, भाईचारा का अभियान है. यह एक एक व्यक्ति के सहयोग और उसकी भागीदारी से चलने वाला संगठन है. इप्टा 27 सितंबर 2023 से भगत सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पदयात्रा की शुरुआत करेगा और पूरे देश में अभियान चलाने के बाद 30 जनवरी 2024 को दिल्ली में बापू के शहादत दिवस पर समाप्त होगा. इसी क्रम में बिहार के पूर्वी चम्पारण के सत्याग्रह वाले गांव में 9 अक्तूबर से 14 अक्तूबर तक पदयात्रा होगी.
रूपरेखा पर चर्चा
समाजसेवी रूपेश ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में जिस तरह से नफ़रत और उन्माद का माहौल है, उसमें गीत, संगीत, नृत्य और नाटक ही प्रेम, मोहब्बत और सौहार्द के माहौल बना सकते हैं. इप्टा का प्रयास अनुकरणीय है. हम सबको इसकी सफलता के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए. मोतिहारी नगर में आयोजित एक बड़ी बैठक में जिले के दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता इकठ्ठा हुए और “ढाई आखर प्रेम: राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा” की बिहार में रूपरेखा पर चर्चा की. बैठक में विनोद कुमार, सौरभ, विजय कांत, बिहार इप्टा के राज्य सचिव इंद्र भूषण रमण ‘बमबम’, संजय सिन्हा, अमर भाई, हामिद रजा, शिव बालक आदि शामिल थे.
चंपारण सत्याग्रह स्मारक की हालत देख दुख प्रकट किया
इससे पूर्व इप्टा और लोक परिषद के अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने चम्पारण में आकर गांधी के सत्याग्रह स्थलों की भ्रमण कर अवलोकन किया. इस भ्रमण के क्रम में मंगलवार को जसौली पट्टी, पीपराकोठी और चंद्रहिया टीम पहुंच कर जायजा लिया. चन्द्रहिया में गांधीजी को गिरफ्तार किया गया था उस स्थल पर चंपारण सत्याग्रह स्मारक का निर्माण किया गया है जिसमें लगभग 11 करोड रुपए खर्च किए गए हैं. इनलोगों ने कहा कि वहां पहुंचकर बड़ा ही दुख हुआ कि अभी तक केंद्र का उद्घाटन नहीं हुआ जबकि इसको बने हुए लगभग 3 वर्ष हो गए हैं. यह स्थल दयनीय स्थिति में है और कोई मेंटेनेंस नहीं है. वहां उसको देखने वाला कोई नहीं है. इन लोगो ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक पत्र दिया जाएगा ताकि जल्द से जल्द इस स्थल का उद्घाटन हो और इसका सही रूप से देखभाल किया जा सके. सामने बसे हुए लोगों को घर दिया जाय और रोजगार से जोडा जाए.
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