बक्सर में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट चौसा का निर्माण कार्य एक बार फिर से बाधित हो गया है. मंगलवार को 359 दिन से प्रदर्शन कर रहे प्रभावित किसान/मोर्चा से जुड़े आंदोलनकारियों ने पलंत के गेट पर अपना धरना शुरु कर दिया. आंदोलनकारी पुरी तैयारी के साथ राशन, भोजन पानी लेकर आए थे. इस धरना की वजह से थर्मल पावर प्लांट का गेट जाम हो गया जिससे वहां काम करने वाले सैकड़ों मजदूर वापस लौट गए और निर्माण काम शुरु नहीं हो सका.
किसानों ने नहीं सुनी प्रशासन की बात
किसानों द्वारा थर्मल पावर प्लांट के समक्ष धरने पर बैठ जाने की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र भी मौके पर पहुंचे और किसानों से बात करने का प्रयास किया परंतु आंदोलनकारी नहीं सुने और मंगलवार को दिनभर मुख्य गेट पर धरना जारी रखा. सैकड़ों आंदोलनकारी किसानों के द्वारा मुख्य गेट पर बैठ धरना दिए जाने के चलते मंगलवार को प्लांट के अंदर एक भी मजदूर नहीं जा सके. जिससे निर्माण कार्य बंद रहा. इस दौरान सदर डीएसपी, चौसा सीओ, मुफ्फसिल थाना प्रभारी समेत भारी मात्रा पुलिस बल तैनात रहे.
359वें दिन प्लांट के गेट पर शिफ्ट किया आंदोलन
बता दें कि मार्केट वैल्यू के दर से मुआवजा देने, आरएनआर पॉलिसी लागू करने, नवीनगर एनटीपीसी के तहत प्रभावितों को मिल रही सुविधाएं यहां भी देने, सभी रैयतों को मुआवजा मिलने के बाद ही अधिग्रहण की जा रही भूमि पर कार्य करने आदि आठ सूत्री मांगों को लेकर पिछले 17 अक्तूबर से प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) के बैनर तले मुरा बाबा स्थान के पास चल रहा किसानों का आंदोलन 358 दिनों से जारी है. परंतु प्रशासन और कंपनी के द्वारा किसानों की उक्त मांगों को लेकर अपनाई जा रही टालमटोल रवैया से क्षुब्ध आंदोलनकारियों ने 359वें दिन अपना धरना स्थल थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट पर शिफ्ट कर दिया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि जबतक हमारी उपरोक्त मांगे लिखित तौर पर मान नहीं ली जाती तब तक अब धरनास्थल प्लांट का मुख्य गेट ही रहेगा.
एसटीपीएल ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह अपना रही तानाशाही रवैया
तेतरी देवी की अध्यक्षता तथा संचालन शिवजी तिवारी के संचालन में आयोजित उक्त धरना में मौजूद किसान वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन और कंपनी के उत्पीड़न के क्षुब्ध होकर एसटीपीएल कंपनी के मुख्य प्लांट का गेट पर धरना दिया जा रहा है. इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव ने कहा कि एसटीपीएल कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह तानाशाही रवैया अपना रही है. कंपनी द्वारा जो आर एंड आर पॉलिसी सार्वजनिक किया गया है वो सरासर निराधार है. 30 वर्ष पूर्व गंगा पंप नहर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का आज तक मुआवजा नहीं मिला. जो अभी तक रैयति किसान मुकदमा लड़ रहे है.
मजदूर मोर्चा की सभी मांगे जायज : यूनियन
उधर किसानों की बहुफसला गंगा पंप नहर से सिंचित दो स्टेट हाइवे के बीच स्थित सटे उपजाऊ कृषि भूमि, आवासीय, भूमि व व्यावसायिक, भूमि का जबरन कब्जा करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. प्रभावित किसान मजदूर यूनियन के संयोजक अशोक तिवारी ने कहा कि प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा की सभी मांगे जायज है. इस दौरान सैकड़ों की तादात में किसान/मजदूर मौजूद रहे.
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किसानों की मांगों को लेकर स्थापित की गई समन्वय समिति
मौके पर मौजूद अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर प्रशासन काफी सकारात्मक है. जिला प्रशासन द्वारा किसानों समस्याओं को रखने हेतू एक मंच स्थापित करते हुए एक समन्वय समिति का निर्माण किया गया है. जिसमें किसानों के अलावे एसटीपीएल व प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं. समन्वय समिति की पहली बैठक भी हो चुकी है. जिसमें देश हित में थर्मल पावर प्लांट के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की बात पर सहमति बनी और क्षेत्र के विकास के लिए कंपनी की तरफ से किए गए वादों को पूरा कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष ही कंपनी के अधिकारियों से सकारात्मक वार्ता की गयी.
19 अक्टूबर को समन्वय समिति की बैठक
समन्वय समिति में शामिल किसानों के एक बुद्धिजीवी वर्ग ने पिछले ही दिनों समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में शामिल होकर यह कहा था कि 19 अक्टूबर को एक बार फिर समन्वय समिति की बैठक हो जिसमें थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी यह बताएं कि जो वादे उन्होंने किए थे उनमें से क्या क्या किए है. आंदोलन हर किसी का अधिकार है. अपने हक के लिए कोई भी शांतिपूर्वक आंदोलन कर सकता है. इसको हम रोक नहीं सकते. किसी भी आंदोलन में वार्ता की जगह भी होनी चाहिए.
क्या बोले एसडीपीओ
बक्सर एसडीपीओ धीरज कुमार ने कहा कि अभी तक तो सब कुछ शांतिपूर्ण ही चल रहा है. उम्मीद है कि आगे भी वो लोग शांतिपूर्वक ही अपना आंदोलन रखेंगे. तत्काल अभी कोई परेशानी नहीं हुई है. फोर्स के साथ मजिस्ट्रेड की भी तैनाती कर दी गई है. आगे किसानों से हम यही अपील करेंगे की गेट जाम करने से कुछ हासिल नहीं होगा. जो भी समस्या का समाधान होगा बातचीत से ही होगा.
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