‘बचाओ-बचाओ’ चिल्लाता रहा ड्राइवर
हादसे में गाड़ी चला रहा युवक सिंटू किसी तरह बाहर निकल आया और ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्लाता रहा. उसकी आवाज सुनकर पास के होटल संचालक ने गांववालों को बुलाया और पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों ने जेसीबी से स्कॉर्पियो को बाहर निकाला, लेकिन तब तक गाड़ी में बैठे चारों की दम घुटने से मौत हो चुकी थी.
ग्रामीणों ने कहा- जब परिवार में कोई नहीं बचा तो पोस्टमॉर्टम…
शशिकांत शर्मा अपने इलाके के प्रमुख किसानों में से एक थे. उनका बड़ा बेटा सुमित राजनीतिक गतिविधियों से भी जुड़ा था और भाजपा से संबंधित था. गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की एक साथ मौत से मातम पसर गया है. पोस्टमॉर्टम के लिए जब शवों को भेजा जा रहा था, तो ग्रामीणों ने एंबुलेंस रोक दी और कहा, “जब परिवार में कोई बचा ही नहीं, तो पोस्टमॉर्टम किसके लिए?”
इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलने के बाद शशिकांत की वृद्ध मां की तबीयत और बिगड़ गई है. प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और जांच जारी है. गांव में शोक और स्तब्धता का माहौल है.
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