बिजली लाइन भी नदी में बही, कोर्ट परिसर भी डूबा
शेरघाटी कोर्ट की ओर जाने वाली बिजली लाइन भी नदी में बह गई, जिससे कोर्ट परिसर अंधेरे में डूबा हुआ है. शेरघाटी शहर से फतेहपुर, पलकिया, शेरपुर को जोड़ने वाली सड़क की पुलिया बहने से लोग फंसे हैं. बाढ़ ने गोपालपुर, मोहम्मदपुर, मंझार, जगदीशपुर समेत आधा दर्जन गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. करीब पांच बीघा खेत पानी में बह गए और शेष खेत डूब चुके हैं. बोधगया प्रखंड के बसतपुर, मोराटाल, छाज, सलोंजा में भी पानी भर गया है.
दलित बस्तियों में घुसा बुढ़िया नदी का पानी
बुढ़िया नदी का पानी किनारे बसे दलित बस्तियों में घुस गया है. करीब 30 घर बह गए या बर्बाद हो गए. लोग खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं. भूख, प्यास और बीमारी की आशंका से पीड़ित परिवार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. पीड़ितों का कहना है कि उनके पास अब ना घर है, ना खाना, ना कपड़ा.
दो-दो घंटे पर मॉनिटरिंग की जा रही नदी का जलस्तर- डीएम
डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि जिले में सभी नदियों के जलस्तर की दो-दो घंटे पर मॉनिटरिंग की जा रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी लगातार कैंप कर रहे हैं. सामुदायिक किचन चालू कर पीड़ितों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. झारखंड में भारी बारिश का असर गया में भी दिख रहा है. फल्गु नदी का जलस्तर भी बढ़ा है. प्रशासन ने पूरी स्थिति पर नजर रखते हुए 24 घंटे अलर्ट जारी किया है. मगर ग्रामीणों का दर्द है कि जब तक स्थायी राहत नहीं मिलेगी, तब तक उनका जीवन संकट में ही रहेगा.
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