गया जी. आर्थिक तंगी से जूझ रहे कामता पासवान अपनी पत्नी विद्या देवी का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमएमसीएच) में करा रहे हैं. मेडिसिन ग्राउंड के बेड नंबर 23 पर भर्ती विद्या देवी की हालत गंभीर हैं और अब अस्पताल कर्मियों द्वारा एक जांच के लिए दो हजार रुपये की मांग की जा रही है. कामता पासवान ने बताया कि गांव में कुछ लोगों से चंदा करके वे पत्नी को इलाज के लिए यहां लेकर आये हैं. अब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं, और रोज़ कुछ दवाएं भी बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं. उन्होंने सवाल उठाया, जब यह सरकारी अस्पताल है, तो जांच के लिए पैसे क्यों लिये जा रहे हैं? क्या यहां कोई देखने वाला नहीं है? कामता पासवान ने यह भी बताया कि उनके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है, जिसके तहत सरकार पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की गारंटी देती है. इसके बावजूद उन्हें लगातार दवाएं बाहर से लानी पड़ रही हैं, और अभी तक मरीज को इस योजना से जोड़ा नहीं गया है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, यहां बाहर से जांच कराने का एक रैकेट सक्रिय है. पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. इस पूरे मामले पर एएनएमएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ विपुल कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में लगभग सभी जांच की सुविधा उपलब्ध है. आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को न तो जांच और न ही दवा के लिए बाहर से पैसे खर्च करने चाहिए. अगर किसी मरीज से पैसे की मांग की गयी है, तो मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी.
संबंधित खबर
और खबरें