Dengue In Bihar: गया में सात माह में डेंगू के 28 मरीज मिले, सिर्फ जुलाई में छह

गया जिले में इस वर्ष डेंगू से पीड़ित 28 मरीज मिल चुके हैं, जिसमें से 6 मरीज जुलाई में मिले हैं. डेंगू से बचाव के लिए शहर से लेकर गांव तक अभियान चल रहा है. छह को अस्पताल में कराया गया भर्ती, सभी की हालत बेहतर है.

By Anand Shekhar | August 11, 2024 8:05 PM
an image

Dengue In Bihar: गया जिले में इस वर्ष 28 लोगों की जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आ चुकी है. इसमें छह लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, सभी की हालत बेहतर है. बारिश शुरू होते ही गांव से लेकर शहर तक डेंगू का प्रकोप लोगों को अपनी चपेट में लेने लगता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे निबटने के लिए तैयारी पहले से की जाती है. इसमें लोगों को जागरूक करने, अस्पतालों में मरीज के लिए बेड आरक्षित रखने, दवा की उपलब्धता शामिल है.

डेंगू के हॉटस्पॉट चिह्नित

डेंगू से बचाव के लिए शहरी इलाकाें में नगर निकाय व ग्रामीण इलाकाें में फॉगिंग व दवा का छिड़काव स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जाता है. डेंगू के हॉट स्पॉट के रूप में पुलिस लाइन, मगध कॉलोनी, विष्णुपद मंदिर व मगध मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर, गुरुआ, बाराचट्टी आदि जगहों का कुछ इलाका को चिह्नित पहले से किया जा चुका है. यहां पर पिछले वर्ष डेंगू से लोग प्रभावित हुए थे.

डेंगू से बचने के लिए साफ-सफाई रखना जरूरी

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि डेंगू मच्छर के काटने से बचने के लिए पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें. मच्छरों के अधिक होने के समय जैसे सुबह और शाम में बाहर जाने से बचें. धूप निकलने के बाद इसके मच्छर का प्रकोप समाप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें. मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. रुके हुए पानी में मच्छर मारने वाली दवा का इस्तेमाल करें और आपने घर के आसपास गंदगी की सफाई करें.

डॉ हक ने बताया कि डेंगू संक्रमित मादा मच्छरों, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है. इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर के जोड़ों और आंखों में दर्द, मतली और दाने होते हैं.

ये भी पढ़ें: Bihar IAS Transfer: बिहार में 2 आईएएस का ट्रांसफर, 3 को मिला अतिरिक्त प्रभार

पटवाटोली पर रखा जा रहा विशेष ध्यान

डॉ हक ने बताया कि पिछले वर्ष मानपुर के पटवा टोली में चिकनगुनिया फैला थी. पिछले वर्ष करीब 40 से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रसित हुए थे. कई दिनों तक मेडिकल टीम को कैंप करना पड़ा था. पटना में जांच के बाद बीमारी कन्फर्म हुई थी. उन्होंने बताया कि चिकनगुनिया एडीज मच्छर, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी के काटने से फैलता है. मच्छरों के लिए चिकनगुनिया वायरस का मुख्य स्रोत या भंडार मनुष्य ही माना जाता है. इसलिए, मच्छर आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति को काटकर और फिर किसी और को काटकर बीमारी फैलाता है.

डॉ हक ने बताया कि यहां पर स्वास्थ्य विभाग दोबारा इस तरह की बीमारी पटवा टोली में नहीं फैले इसके लिए पहले से ही लोगों को जागरूक कर रहा है. लोगों को खुद भी इसके प्रति सतर्क रहना है.

ये भी देखें: भागलपुर में गर्ल्स हॉस्टल से निकले 42 खतरनाक सांप

संबंधित खबर और खबरें

यहां गया न्यूज़ (Gaya News), गया हिंदी समाचार (Gaya News in Hindi),ताज़ा गया समाचार (Latest Gaya Samachar),गया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gaya Politics News),गया एजुकेशन न्यूज़ (Gaya Education News),गया मौसम न्यूज़ (Gaya Weather News)और गया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version