2024 में ही पूरा करना था काम
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का जिम्मा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को दिया गया है. रोप-वे बन जाने के बाद श्रद्धालुओं को प्रेतशिला पहाड़ी की 676 सीढ़ियां चढ़कर नहीं जाना पड़ेगा. इस काम को पितृपक्ष मेला 2024 से पहले पूरा करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से काम अब तक पूरा नहीं हो सका.
काम कर रहे लोगों के मुताबिक निर्माण के दौरान रास्ते में एक सख्त चट्टान आ गई थी. इसमें छेद करना बेहद मुश्किल था. इसी कारण काम महीनों तक रुका रहा. बाद में रोप-वे के रास्ते में थोड़ा बदलाव कर काम दोबारा शुरू किया गया.
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रोप-वे की खासियत
यह रोप-वे 283 मीटर लंबा बनाया जा रहा है. इससे श्रद्धालु सीधे पहाड़ी की चोटी तक आसानी से पहुंच सकेंगे. इसमें छह केबिन होंगे और हर केबिन में चार सीटें रहेंगी. यानी एक बार में 24 यात्री ऊपर-नीचे आ-जा सकेंगे. लगभग 6.95 करोड़ रुपये की लागत से यह रोप-वे बन रहा है.
इस प्रोजेक्ट से जुड़े सीनियर ने बताया कि अब काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि पितृपक्ष से पहले श्रद्धालु इसका लाभ ले सकेंगे. रोप-वे चालू होने से न केवल पिंडदानियों को राहत मिलेगी, बल्कि आम टूरिस्ट भी प्रेतशिला पहाड़ी पर आसानी से पहुंच पाएंगे.
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