Gaya News: गया में 5 जिलों के मेडिकल कचरे का हो रहा निस्तारण, धुएं से लोग परेशान

Gaya News: बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट को गया के एनएमएमसीएच से शिफ्ट करने की कोशिशें तेज हो गई हैं. प्लांट से 200 मीटर की दूरी पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और रिहायशी इलाका है. प्लांट से निकलने वाला धुआं और कचरे के काले जले हुए टुकड़े लोगों के घरों तक पहुंचने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है, जिससे लोग बीमार हो रहे हैं.

By Anand Shekhar | September 23, 2024 7:09 AM
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जितेंद्र मिश्रा, Gaya News: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (ANMMCH) परिसर में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनने के बाद बगल में चलाए जा रहे बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट को हटाने की कवायद शुरू कर दी गयी है. इस प्लांट के चालू वक्त निकलने वाले धुआं को लेकर स्थानीय लोगों ने काफी विरोध किया था. अस्पताल के किनारे होने के चलते उस वक्त अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया.

अब प्लांट के 200 मीटर की दूरी पर ही 221 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चालू कर दिया गया है. प्लांट में अस्पतालों से आने वाले कचरा में सिरिंज (बिना सुई के), गंदे दस्ताने, कैथेटर, फोर ट्यूब, सभी ड्रेसिंग, पट्टियां और शरीर के तरल पदार्थ, रक्त बैग, मानव शारीरिक अपशिष्ट, शरीर के अंग आदि शामिल रहते है. अस्पताल प्रशासन की ओर से डीएम को पत्र लिख कर प्लांट को अन्यत्र शिफ्ट करने की बात कही है.

स्थानीय लोग व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में तैनात कर्मचारियों ने कहा कि प्लांट चालू के वक्त इतना दुर्गंध करता है कि यहां रहना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं धुआं से काला-काला जला हुआ टुकड़ा भी घर व अस्पताल के छत पर जमा हो जाता है. खिड़की आदि खुली रहने पर रसोई के साथ घरों के अंदर तक यह काला टुकड़ा पहुंच जाता है. जानकारों का कहना है कि प्लांट यहां पर रहना आम लोग के साथ मरीज के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है.

पांच जिलाें से यहां आता है मेडिकल वेस्टेज

मगध प्रमंडल के पांच जिलाें से यहां प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों से मेडिकल वेस्टेज लाया जाता है. इसमें गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद व अरवल शामिल है. प्लांट चला रही एजेंसी अपनी गाड़ियों में मेडिकल वेस्टेज प्लांट में लाकर निस्तारित करते हैं. ऐसे देखा जाये, तो पांच जिले के करीब 1100 हॉस्पिटल से बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का प्लांट से एग्रीमेंट है.

सूत्रों का कहना है कि पांच जिलाें में चार हजार से अधिक हॉस्पिटल प्राइवेट व सरकारी मिला कर चलाये जा रहे हैं. प्लांट लगाने का नियम मेडिकल बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट नियम के अनुसार, रिहायशी इलाकाें से दूर ही बनाया जाना है. हालांकि, मेडिकल परिसर में जब प्लांट का निर्माण हुआ था. उस वक्त एका-दुक्का ही मकान आसपास में था. लेकिन, एक दशक में धना रिहायशी इलाका में बदल गया. अब यहां पर ही परिसर में प्लांट के कुछ दूरी पर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया गया है. यहां पर इसमें कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस, नियोनेटोलॉजी के गंभीर मरीजों का इलाज शुरू किया गया है. अब प्लांट से निकलने वाले धुआं से इन मरीजों की दिक्कत भी बढ़ सकती है.

यहां फंसता दिख रहा है पेच

प्लांट को दूसरे जगह शिफ्ट करने के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र देने पर जवाब दिया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य स्वास्थ्य समिति की स्वीकृति के बाद अगर उसे दूसरे जगह जमीन दी जाती है, तो प्लांट को शिफ्ट कर लिया जायेगा. कुछ वर्ष पहले स्थानीय लोगों ने इस प्लांट के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया था. उस वक्त प्रमंडलीय आयुक्त ने प्राचार्य के पहल पर प्लांट को दूसरे जगह शिफ्ट करवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन, बाद में मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

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प्लांट से निकलने वाला धुआं सभी को कर रहा बीमार

मगध मेडिकल परिसर में रिहायशी इलाका के ठीक बगल में ही बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट चलाया जा रहा है. इससे काफी लोग के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. आसपास के लोगों को प्लांट से निकलने वाला धुआं बीमार कर रहा है. प्लांट को जल्द ही दूसरे जगह शिफ्ट कर देना चाहिए.

रणधीर कुमार रजक, पार्षद, वार्ड नंबर 29

अस्पताल की ओर से हो रही कोशिश

रिहायशी इलाका व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चालू होने के बाद बायो वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट चलाया जाना ठीक नहीं है. इसे अन्यत्र जगह पर शिफ्ट करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. अधिकारी व संबंधित एजेंसी को इस बारे में पत्र भेजा गया है. कोशिश है जल्द निराकरण निकाला जाये.

डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच

संज्ञान में है, हो जायेगा समाधान

अस्पताल प्रशासन की ओर से डीएम व उन्हें इस बारे में जानकारी दी गयी है. प्लांट को अन्यत्र जगह शिफ्ट करने के लिए जगह की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. जल्द ही इसका कोई समाधान निकाल कर प्लांट को दूसरे जगह पर शिफ्ट कर दिया जायेगा.

नीलेश कुमार, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति

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