गया. हिंदी, मगही, ब्रजभाषा, अंग्रेजी के कवि पंडित गोपाल लाल सिजुआर के जन्म के 100 वर्ष पूरा होने पर सुर सलिला गयाजी ट्रस्ट के तत्वावधान में चांदचौरा स्थित सिजुआर भवन में हीरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया. दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन सामूहिक रूप से उपस्थित अतिथियों ने किया. इसके बाद पंडित गोपाल लाल सिजुआर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. अतिथियों का स्वागत राजेंद्र सिजुआर उर्फ राजन जी ने किया. मुख्य अतिथि दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के विभागध्यक्ष डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि मैं सिजुआर की रचनाओं में भारतीय दर्शन को पाता हूं. उन्होंने उनकी कई रचनाओं का जिक्र किया. इस वर्ष पंडित गोपाल लाल सिजुआर साहित्य सम्मान जहानाबाद के डॉ रवि शंकर शर्मा, औरंगाबाद के डॉ हेरम्ब मिश्र, नवादा के पंडित दीनबंधु पांडेय को प्रदान किया गया. हीरक जयंती समारोह में गोपाल लाल सिजुआर एक जीवंत साहित्यकार विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में डॉ रामकृष्ण ने सिजुआर व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उनके साथ बिताये 50 वर्षों की चर्चा की. डॉ सच्चिदानन्द प्रेमी और डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने भी परिचर्चा में भाग लिया. दूसरे सत्र में गोपाल लाल सिजुआर को समर्पित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन को युवा कवि नचिकेता ने संचालित किया. कवि सम्मेलन में गया के अलावे जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद के कवियों ने भाग लिया. अंत में डॉ राम सिंहासन सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन सुमंत ने किया.
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