रहने-खाने की होगी पूरी व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गयाजी में टेंट सिटी बनाई जाएगी, जहां रहने और खाने की पूरी व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा कई होटल, स्कूल और धर्मशालाओं में भी ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. खाने-पीने की बात करें तो टेंट सिटी में समाजसेवियों द्वारा फ्री में खाना उपलब्ध कराया जाएगा.
दीदी की रसोई में मिलेगी सस्ती रोटियां
डीएम शशांक शुभंकर की माने तो, बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को खाने-पीने में जो परेशानी होती थी, उसे इस बार दूर किया जा रहा है. जो लोग बाहर से खाना लेना चाहेंगे, उनके लिए इस बार “सस्ती रोटी” नाम की एक नई पहल शुरू की जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र में जगह-जगह ‘दीदी की रसोई’ चलाई जाएगी, जहां श्रद्धालुओं को कम कीमत पर सादा और साफ खाना मिल सकेगा. यह व्यवस्था डीएम की पहल पर पहली बार शुरू की जा रही है.
12 लाख से अधिक श्रद्धालु करते है पिंडदान
करीब 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु हर साल गयाजी आते हैं, जिनमें दो लाख से अधिक 17 दिन तक रुककर पिंडदान करते हैं. ऐसे में कुछ लोग होटल में रुकते हैं, तो कई श्रद्धालु प्रशासन द्वारा बनाए गए ठहरने के स्थानों पर रहते हैं.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
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