गया जी. गया जिले में कई दशकों से डीएम आवास परिसर में संचालित हो रहा गोपनीय कार्यालय अब बंद कर दिया गया है. इस कार्यालय को समाहरणालय में स्थानांतरित करते हुए इसका नाम बदलकर डीएम मॉनीटरिंग सेल कार्यालय रखा गया है. बताया जाता है कि समाहरणालय परिसर में डीएम चैंबर के ठीक पीछे इस नये कार्यालय के लिए एक बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जल्द ही यह मॉनीटरिंग सेल पूरी तरह से चालू कर दिया जायेगा, जो 24 घंटे काम करेगा. इसमें शिफ्ट के हिसाब से अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की जायेगी, ताकि किसी भी समय जरूरी कार्यों की मॉनीटरिंग हो सके. जानकारी के मुताबिक, डीएम आवास पर स्थित पुराने गोपनीय कार्यालय में रखी गयी विभिन्न विभागों की फाइलें संबंधित कार्यालयों को वापस भेज दी गयी हैं. कुछ महत्वपूर्ण फाइलें अभी वहीं हैं, जिन्हें मॉनीटरिंग सेल का कार्यालय पूरी तरह तैयार होने के बाद नये स्थान पर शिफ्ट कर दिया जायेगा. उधर, गोपनीय कार्यालय के बंद होने की चर्चा समाहरणालय के गलियारों से लेकर कर्मचारियों के बीच तेज हो गयी है. नये फैसलों से लगातार चर्चा में डीएम शशांक शुभंकर नालंदा से स्थानांतरित होकर गया के डीएम बने आइएएस अधिकारी शशांक शुभंकर अपने लगातार नये और अनुकरणीय फैसलों की वजह से चर्चा में बने हुए हैं. कार्यभार संभालते ही उन्होंने प्रतिदिन समाहरणालय में जनता दरबार लगाने का निर्णय लिया. अपने इस फैसले पर अमल करते हुए वे रोजाना फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और उनके त्वरित निबटारे के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी देते हैं. खास बात यह भी है कि जनता दरबार में आनेवाले प्रत्येक आवेदन को कंप्यूटर पर दर्ज कराया जा रहा है, ताकि हर शिकायत पर की गई कार्रवाई की मॉनीटरिंग हो सके. वहीं, फाइल निबटारे की प्रक्रिया में भी उन्होंने बड़ा बदलाव किया है. पहले विभागीय कर्मचारी भी डीएम के पास मौजूद होकर फाइलों का निबटारा करा लिया करते थे, लेकिन अब डीएम के नये निर्देश के मुताबिक केवल वरीय अधिकारी ही फाइलों को लेकर उनके समक्ष उपस्थित रहेंगे. डीएम शुभंकर के ये नये कदम जिला प्रशासन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और तकनीक-संलग्न बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं.
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