गया़ नाबालिग पीड़िता का चेहरा उजागर करने के सात वर्ष पुराने मामले में अदालत ने सुनवाई पूरी कर जहानाबाद के वर्तमान सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव समेत सात आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है. यह निर्णय पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार सिंह की अदालत ने दिया. मामला वर्ष 2018 का है, जब एक नाबालिग पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. उस समय पीड़िता का चेहरा शॉल से ढका हुआ था, लेकिन बाद में चेहरा उजागर होने का आरोप लगाया गया. इसी मामले में मगध मेडिकल थाना में कांड संख्या 140/2018 दर्ज की गयी थी. प्रमुख आरोपितों में जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव के साथ पूर्व सांसद रामजी मांझी, आभा लता, सरस्वती देवी, निजामुद्दीन, यशराज, और आलोक मेहता शामिल थे. इस मामले में पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक केसर सर्फुद्दीन और कमलेश कुमार सिंह ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की. वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रजनीश कुमार सिंह उर्फ गुड्डू ने बहस की. बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाहों की गवाही भी करवायी गयी. लंबी सुनवाई और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने सभी को दोषमुक्त कर बाइज्जत बरी कर दिया. बचाव पक्ष के वकील ने फैसले के बाद कहा कि यह मामला कानूनी रूप से जटिल था, लेकिन न्यायालय में पूरी प्रक्रिया का सामना करने के बाद न्याय मिला है.
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