Gaya News : गया के गांधी मैदान से गूंजा था जेपी का हुंकार, दिल्ली में बदली थी सरकार

Gaya News : अपातकाल. जननायक जयप्रकाश नारायण ने कर्फ्यू तोड़कर जनसभा की, उमड़ी थी मारी भीड़

By PANCHDEV KUMAR | June 24, 2025 10:39 PM
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गया जी. 1974 में छात्रों के आंदोलन की जो चिंगारी पटना से उठी थी, वह गया के गांधी मैदान में ज्वाला बन गयी. जननायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने जब कर्फ्यू तोड़कर गया में जनसभा की, तो किसानों, मजदूरों और छात्रों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. प्रशासन बेबस था और जेपी ने यहीं से ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का शंखनाद किया. यह आंदोलन धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया और अंततः तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार सत्ता से बाहर हो गयी व मोरारजी देसाई के नेतृत्व में केंद्र में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी. उस ऐतिहासिक जन आंदोलन में सक्रिय रहे गया के नेता मानते हैं कि जेपी का भ्रष्टाचार मुक्त और जनहितकारी शासन का सपना आज भी अधूरा है. आज की सरकारें जनहित की जगह परहित की राजनीति कर रही हैं, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार चरम पर है.

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गया में छात्र आंदोलन में सक्रिय था. 23 महीने जेल में रहा. आज भी जेपी का सपना अधूरा है. भ्रष्टाचार, लेटलतीफी और प्रशासनिक निष्क्रियता आज भी मौजूद है. युवाओं से अपील करता हूं कि सरकार पर नजर रखें, गलत कार्यों का विरोध करें और लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखें. आज आपातकाल के 50 वर्ष हो गये. लेकिन, आपातकाल में घटना आज भी मेरे मनोमस्तिष्क में स्मरण में हैं कि किस तरह से उस समय की कांग्रेस की सरकार ने जनांदोलन को कुचलने के लिए अपना सारा शक्ति लगा दिया और उस समय अनेक छात्र जो इस आंदोलन में भाग लिये, उन्हें पकड़-पकड़ कर जेलों में बंद किया गया, मैं भी उनमें एक था. गया के जनांदोलन में महिलाओं में सुशीला सहाय जो लीड कर रही थीं के अलावा सुनीता देवी, अनिल विभाकर, ज्ञानचंद जैन, अनिल कुमार सिन्हा, डॉ प्रेम कुमार, अखौरी निरंजन, नवलेश बर्थवार, मेडिकल कॉलेज के छात्र, सुरेंद्र कुमार, लल्लू जी. बिहार में गया का आंदोलन अहम था. हालांकि आंदोलन की शुरुआत पटना से हुई पर 12 अप्रैल 1974 को गया गोलीकांड के बाद जयप्रकाश जी आये. यहीं से आग धधकी और जनांदोलन का रूप ले लिया. उस समय कर्फ्यू लगा था. इसी दौरान अखौरी निरंजन जय प्रकाश जी को लेकर गया के गांधी मैदान में आये. जहां कर्फ्यू को तोड़कर विशाल जन सभा हुई. जेपी ने गया गोली कांड की भर्त्सना की. यहीं से उन्होंने जनांदोलन करने का आह्वान किया. व्यवस्था परिवर्तन का आवाज भी जेपी ने गया जी से ही दिया, जो वृहद रूप ले लिया. और अंतत: इंदिरा की सरकार चली गयी.

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