Election Express Video: हथुआ विधानसभा की जनता ने कर दी मुद्दों की बौछार, भय-भूख और भ्रष्टाचार से चाहिए मुक्ति

Election Express Video: प्रभात खबर का इलेक्शन एक्सप्रेस बुधवार को हथुआ विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा, जहां पर लोगों से चर्चा की. इस विधानसभा की जनता का प्रमुख मुद्दा है चीनी मिल बंद, अस्पताल में समुचित इलाज नहीं होना, हथुआ रेलवे स्टेशन से लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन नहीं होना है.

By Radheshyam Kushwaha | July 30, 2025 8:19 PM
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Election Express Video: प्रभात खबर का इलेक्शन एक्सप्रेस की टीम बुधवार को गोपालगंज जिले के हथुआ विधानसभा क्षेत्र में पहुंची, यहां के चौक चौराहों पर प्रभात खबर की टीम ने लोगों से चर्चा की. लोगों ने क्षेत्रीय समस्याओं को खुलकर उठाया. चौपाल से लेकर चौराहे तक मुख्य रूप से हथुआ रेलवे स्टेशन की उपेक्षा का मुद्दा छाया रहा. लोगों ने बताया कि यह स्टेशन वर्षों से जंक्शन घोषित है, लेकिन आज तक यहां से कोई भी लंबी दूरी की ट्रेन संचालित नहीं हुई है. सुविधाओं के अभाव में यह स्टेशन उपेक्षित पड़ा है. चौपाल में उपस्थित मीरगंज के व्यवसायियों और युवाओं ने अपनी समस्याएं साझा करते हुए कहा कि मीरगंज शहर जिले की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इसके बावजूद यहां बुनियादी ढांचे का घोर अभाव है.

हथुआ स्टेशन को विकसित करने की मांग

व्यवसायी महेंद्र सोनी ने कहा कि मीरगंज में वर्तमान में स्थित एडिशनल पीएचसी के स्थान पर एक पूर्ण विकसित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) या बड़ा अस्पताल स्थापित किया जाना चाहिए, ताकि आस-पास के लोगों को समुचित इलाज मिल सके. वहीं, व्यवसायी मनीष कुमार सोनी ने कहा कि हथुआ स्टेशन से कोई भी एक्सप्रेस या लंबी दूरी की ट्रेन नहीं चलती है. इससे व्यापारियों को पटना, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में कारोबार के सिलसिले में जाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है. स्थानीय व्यापार, शिक्षा और रोज़गार पर भी इसका सीधा असर पड़ता है. स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि हथुआ रेलवे स्टेशन पर आज भी केवल एक प्लेटफॉर्म है, जबकि यहां रेलवे प्वाइंट भी मौजूद है. उन्होंने मांग की कि इस स्टेशन को विकसित कर लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाये और बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायी जाएं. जनप्रतिनिधियों और रेलवे मंत्रालय से लोगों ने अपील की है कि हथुआ स्टेशन को जल्द विकसित कर इलाके की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की जाये.

लोगों ने उठायी यात्री शेड, फुटपाथी दुकान और सुलभ शौचालय की मांग

मीरगंज के ऐतिहासिक राजेंद्र चौक पर बुधवार को आयोजित प्रभात खबर की चौराहे पर चर्चा के दौरान स्थानीय नागरिकों ने इलाके की तमाम समस्याएं बेबाकी से रखीं. जाम, यात्री शेड की कमी, सुलभ शौचालय और फुटपाथी दुकानों के लिए व्यवस्था न होना, मुख्य मुद्दे रहे. सभा में मौजूद सरोज कुमार रिंकू ने कहा कि राजेंद्र चौक मीरगंज का सबसे पुराना और ऐतिहासिक चौक है. यहां देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा भी लगी है. इसके बावजूद यह चौक विकास की मुख्यधारा से पीछे छूट गया है. इलाके से दो मुख्यमंत्री भी बने, लेकिन किसी ने चौक के सौंदर्यीकरण या यात्री सुविधा पर ध्यान नहीं दिया. धर्मेंद्र शाही ने कहा कि चौक पर कोई यात्री शेड नहीं है, जिससे मीरगंज से हथुआ, भर, विजयीपुर जैसे स्थानों की ओर जाने वाले यात्रियों को धूप और बारिश में खड़ा रहना पड़ता है. जितेंद्र केसरी ने चौक पर सुलभ शौचालय की अनुपस्थिति को लेकर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि दूर-दराज से आने वाले लोगों को इस बुनियादी सुविधा के अभाव में काफी दिक्कतें होती हैं. महाजन कुमार ने कहा, यहां के दुकानदार नियमित टैक्स देते हैं, लेकिन उनके लिए कोई बुनियादी सुविधा, जैसे साफ-सफाई, बैठने की जगह या सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि चौक पर सबसे अधिक फुटपाथी दुकानदार हैं, लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्थित व्यवस्था या स्थान निर्धारित नहीं किया गया है. इससे न सिर्फ जाम की समस्या होती है, बल्कि दुकानदार भी असुरक्षित महसूस करते हैं. अदालत हुसैन ने कहा कि मीरगंज जैसे व्यापारिक और भीड़भाड़ वाले इलाके में अगर यात्री पड़ाव और सार्वजनिक शौचालय नहीं होंगे, तो यह शहर के लिए शर्मनाक स्थिति है.

हथुआ के व्यवसायियों में अपराधियों का खौफ है सबसे बड़ा मुद्दा

प्रभात खबर का इलेक्शन एक्सप्रेस बुधवार को हथुआ मोड़ पर पहुंचा. चौराहे पर चर्चा के दौरान लोगों ने क्षेत्र की कई गंभीर समस्याएं सामने रखीं. लोगों ने बताया कि हथुआ के प्रमुख बाजारों पर अपराधियों का खौफ है. अपराधियों से सुरक्षा मिले, तो कारोबारी चैन से कारोबार कर सकें. सरोज प्रसाद, राजेश कुमार, अशरफ अली, रामपुकार प्रसाद और रमेश चौरसिया समेत दर्जनों लोगों ने अपनी बात रखी. लोगों ने कहा – सरकारी अस्पताल में न दवा मिलती है, न डॉक्टर. लोग निजी क्लीनिक में महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर हैं. सुलभ शौचालय की सुविधा नहीं होने से राहगीरों और दुकानदारों को भारी परेशानी होती है.दुकानदारों को सुरक्षा नहीं मिली है. आये दिन चोरी और छिनतई की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस की सक्रियता नहीं के बराबर है. किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. कई किसानों का अब तक राशन कार्ड नहीं बना है, जिससे उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिल रहा. वृद्धावस्था पेंशन की राशि महीनों से अटकी है, कई पात्र वृद्धजन अब तक लाभ से वंचित हैं. ग्रामीण सड़कों की हालत बेहद खराब है. कई क्षेत्रों में मुख्य सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं, आवागमन दूभर हो गया है. सरकारी योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं. न तो सही ढंग से प्रचार हो रहा है और न ही क्रियान्वयन. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हथुआ और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, सड़क, सुरक्षा और किसान कल्याण से जुड़ीं योजनाओं को प्राथमिकता दी जाये, ताकि आमजन का जीवन आसान हो सके. स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि मीरगंज के राजेंद्र चौक को विकसित किया जाए, यात्री शेड, सुलभ शौचालय, ट्रैफिक नियंत्रण और फुटपाथ दुकानदारों के लिए उचित प्रबंधन किया जाये, जिससे मीरगंज शहर की गरिमा बनी रहे और यात्रियों को सुविधा मिले.

हथुआ के लोगों को भय, भूख और भ्रष्टाचार से चाहिए मुक्ति

प्रभात खबर के इलेक्शन एक्सप्रेस के हथुआ गोपाल मंदिर के पास पहुंचने के साथ ही चौराहे पर चर्चा के दौरान लोगों ने कहा कि हथुआ को आज भी भय, भूख और भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए. क्षेत्र के नागरिकों ने साफ शब्दों में कहा कि इस बार वोट विकास को मिलेगा, चाहे उम्मीदवार निर्दलीय हो या किसी पार्टी से. स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और आधारभूत संरचना की बदहाली को लेकर लोगों ने जमकर सवाल उठाये. अनुमंडलीय अस्पताल रेफर अस्पताल बनकर रह गया है. सभा में गुड्डू यादव, उपेंद्र शर्मा, राजेश श्रीवास्तव, अवधेश प्रसाद, रंजन कुमार और अशेषर प्रसाद समेत कई स्थानीय नागरिकों ने अपनी बात रखी. स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है. सदर अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं होती. मामूली चोट लगने पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. रोजगार के अवसर नगण्य हैं. युवाओं को पलायन करना पड़ रहा है. स्थानीय स्तर पर कोई कल-कारखाना या उद्योग नहीं है, जिससे काम मिल सके. सड़कों की हालत जर्जर है. बारिश के बाद जगह-जगह जलजमाव हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित होता है. सरकारी कार्यालयों में दलाली की प्रथा हावी है. बिना दलाल के आम लोगों का काम नहीं होता. चौक-चौराहों पर यात्री सुविधाओं का अभाव है. न यात्री शेड, न बैठने की व्यवस्था, और न ही शौचालय-सफाई की हालत अच्छी है. नालियों की नियमित सफाई नहीं होती, जिससे गंदगी और बीमारियों का खतरा बना रहता है. लोगों ने एक स्वर में कहा कि इस बार का चुनाव जाति या पार्टी पर नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास पर आधारित होगा. साथ ही मांग की कि हथुआ में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में ठोस कदम उठाये जाएं.

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