Gopalganj News: बिहार में बारिश शुरू होते ही गोपालगंज में सांपों का ज़हर जानलेवा साबित होने लगा है. मंगलवार को जिलेभर से 12 से ज़्यादा लोगों को सांप के डसने की वजह से अस्पताल लाया गया, जिनमें से दो महिलाओं की मौत हो गई. बाकी 10 से अधिक मरीजों की हालत गम्भीर रही, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बच गई.
जब रास्ता और घर ही बन गए मौत का कारण
बबीता देवी, उम्र 41 उचकागांव की रहने वाली थीं. सुबह अपने बथान जा रही थीं, तभी अनजाने में एक सांप पर उनका पैर पड़ गया. सांप ने उन्हें तीन बार डंसा. बेहोश होकर वहीं गिर गईं. सदर अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मलावती देवी, 45, फुलवरिया के डेरवा गांव की थीं. घर में काम कर रही थीं कि सांप ने डंसा. इलाज के लिए पहले लोकल अस्पताल, फिर सदर अस्पताल लाया गया, पर ज़हर शरीर में फैल चुका था। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.
हर ब्लॉक से पहुंचे मरीज, अस्पतालों में इमरजेंसी मोड
बरौली, बैकुंठपुर, जादोपुर, मांझा, मीरगंज और थावे से सर्पदंश के केस लगातार बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों की मुस्तैदी से 11 लोगों की जान बची, पर स्वास्थ्य के प्रति ग्रामीणों की लापरवाही और ओझा-तांत्रिक के भरोसे बैठना अब भी चिंता का कारण है.
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CS ने दी चेतावनी “झाड़-फूंक में फंसने से बिगड़ता है मामला”
सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र प्रसाद ने कहा, “अधिकांश मौतें इसलिए होती हैं क्योंकि लोग इलाज के बजाय पहले झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं. जब तक अस्पताल पहुंचते हैं, तब तक बहुत देर हो जाती है.” उन्होंने सभी पीएचसी व अस्पतालों को सर्पदंश केस के लिए अलर्ट पर रखा है.