आयुष्मान योग में भाई दूज गुरुवार को
आचार्य राकेश झा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया में गुरुवार को शुभ योगों के महासंयोग में चित्रगुप्त पूजा व स्नेह, सौहार्द व प्रीति का प्रतीक यम द्वितीया यानी भाई दूज का पर्व मनाया जायेगा. विशाखा नक्षत्र के साथ आयुष्मान योग, कौकिल करण तथा अतिपुण्यकारी सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. बहनें व्रत, पूजा, कथा आदि के बाद भाई की लंबी आयु की कामना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगायेंगी.
बहनें मांगेंगी भाई के चिरंजीवी का वरदान
स्कन्द पुराण के अनुसार आज भाई को बहन के घर भोजन करना और उन्हें उपहार देना अत्यंत शुभ माना गया है. ऐसा करने से यम के दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है . बहन अपने भाई की दीर्घायुष्य की कामना से पूजन के बाद यमराज से प्रार्थना में मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्यव अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह चिरंजीव होने का वर मांगेंगी.
भाई दूज में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की महत्ता
रेगनी का कांटा: इस के कांटा को बहने अपने जीभ पर चुभोती हैं. इस होने वाले दर्द में अपने भाई के लिए कभी बुरा वचन नहीं निकले इसका संकल्प लेती हैं.
बजरी: सभी दलहन फसलों में बजरी ही सबसे कठोर होता है. ठीक उसी प्रकार बजरी खाकर उनका भाई मजबूत, सुदृढ़, निष्ठापूर्ण हो.
नारियल: इसकी तरह बाहर के कठोर परंतु अंदर से श्वेत हृदय, सरल स्वाभाव, वचन में शीतलता, व्यवहार में मधुरता के लिए नारियल का इस्तेमाल किया जाता हैं.