पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर के पद पर भर्ती के लिए निर्धारित शर्तों को लागू किये जाने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार निर्देश दिया कि वह इस मामले में चार सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दायर करे.
इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि इस बीच हेडमास्टर के पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा नहीं ली जाये. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पीबी बजंथरी के खंडपीठ ने टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (टीएसयूएनएसएस) गोप गुट की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से बिहार नेशनलाइज़ेड प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर (अप्वाइंटमेंट, ट्रांसफर, डिसप्लिनिरी एक्शन एंड सर्विस कंडीशन) रूल्स, 2021 के संबंध में प्रकाशित अधिसूचना के बारे में कोर्ट को बताया गया कि हेडमास्टर के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता की शर्तों को निर्धारित किया गया था.
कोर्ट ने पूर्व में अपने आदेश में यह कहा था कि जब हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित प्रधान शिक्षक नियुक्ति से संबंधित उक्त अधिसूचना को पढ़ा जाता है, तो विभिन्न स्थिति उभर कर सामने आती है.
अंग्रेजी संस्करण के अनुसार याचिकाकर्ता संघ के सदस्य राज्य सरकार द्वारा हेडमास्टर के पद पर भर्ती के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने के योग्य होंगे, जबकि रूल्स के हिंदी संस्करण से वे अयोग्य हो जायेंगे.
कोर्ट को बताया गया कि एसोसिएशन के सदस्यों को शर्तों के साथ चयन , नियुक्ति और भर्ती में भाग लेने की अनुमति दी गयी थी. लेकिन, कोर्ट ने इस मामले में कुछ शर्तों को भी रखा है था और कहा था कि कोई राइट या इक्विटी का दावा नहीं करेगा.
Posted by Ashish Jha
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