Bihar में सोशल मीडिया, इमेल और बैंक अकाउंट चेक करेगा आयकर विभाग, 1 अप्रैल, 2026 से नया नियम होगा लागू

Bihar: आयकर विभाग ने कर नियमों में बदलाव किया है, जो अगले साल एक अप्रैल से प्रभावी होगा. नये आयकर बिल में डिजिटल क्षेत्र में मौजूदा तलाशी और जब्ती के प्रावधानों में विस्तार का प्रावधान किया गया है, इसमें अधिकारियों को वर्चुअल संपत्तियों की जांच का अधिकार मिलेगा.

By Prashant Tiwari | July 15, 2025 8:09 PM
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Bihar: आयकर विभाग ने कर नियमों में बदलाव किया है, जो अगले साल एक अप्रैल से प्रभावी होगा. नये नियमों में आयकर को विशेषाधिकार दिया गया है, किसी आयकरदाता द्वारा टैक्स चोरी के संदेह पर अधिकारियों को उस व्यक्ति का सोशल मीडिया अकाउंट, इमेल, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन निवेश अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट में सेंध लगाने और उन तक पहुंचने का कानूनी अधिकार होगा. जब आयकर विभाग को इसकी जानकारी होगी कि कोई टैक्सपेयर के पास अघोषित आय, संपत्ति या दस्तावेज हैं, जिन्हें वह जानबूझकर आयकर से बचने के लिये छिपा रहा है. ऐसे लोगों पर कड़ा एक्शन लेने के लिये नये कानून में अधिकारियों के पास उनके सभी तरह के अकाउंट चेक करने का अधिकार होगा. 

अधिकारियों को मिलेंगे ज्यादा अधिकार

नये आयकर बिल में डिजिटल क्षेत्र में मौजूदा तलाशी और जब्ती के प्रावधानों में विस्तार का प्रावधान किया गया है, इसमें अधिकारियों को वर्चुअल संपत्तियों की जांच का अधिकार मिलेगा. देश में क्रिप्टो में ट्रेड लगातार बढ़ रहा है. फिलहाल क्रिप्टो करेंसी के लेन देन पर 30 फीसदी का टैक्स लगता है. इसमें एक फीसदी के स्रोत पर कटौती भी होती है. नये नियम से क्रिप्टो करेंसी से आय का खुलासा होगा़. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि आयकर के नये प्रावधान के अनुसार 247 अधिकृत अधिकारियों को कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस के एक्सेस को लेने की आज्ञा देती है, यह प्रावधान पहले से है, जिनको अब नये बिल में शामिल किया गया है, फिलहाल आयकर अधिनियम की धारा 132 पुस्तकों, खातों या अन्य दस्तावेजों के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों के निरीक्षण करके जब्त करने का अधिकार देता है, इसके तहत डिजिटल एक्सेस भी लिये जा सकेंगे.

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नयी कर व्यवस्था में डिफॉल्ट विकल्प

नये नियम में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिये डिफॅल्ट विकल्प होगा. यदि करदाता किसी विशेष विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो उन्हें स्वचालित रूप से नयी कर व्यवस्था के तहत माना जायेगा. हालांकि पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनने का अधिकार करदाताओं के पास बना रहेगा. इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और कम आय वाले व्यक्तियों को अधिक छूट प्रदान करना है. नयी व्यवस्था में अधिकांश कटौतियों और छूटों का लाभ करदाताओं को नहीं मिलता है, लेकिन कर की दरें कम होती हैं. नये प्रावधान में टीडीएस और टीसीएस को सरल बनाया गया है. नये नियम में कर चोरी को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का अधिक उपयोग किये जाने का प्रावधान है. इसमें डेटा विश्लेषण के माध्यम से टैक्स चोरी के मामलों की पहचान कर स्वचालित नोटिस जारी करना शामिल है.

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