बिहार की इन वीरांगनाओं ने आजादी के लिए किया खुद को समर्पित

Independence Day 2024: भारत को आजाद हुए 77 वर्ष हो गए हैं. देश की आजादी के लिए संघर्षों के कई किस्से आप लोगों ने सुने होंगे. इनमें से कई घटनाएं लोगों को मुंहजबानी याद हैं. मगर कई बड़ी घटनाएं ऐसी भी हैं जो समय के साथ भुला दी गईं.

By Anshuman Parashar | August 14, 2024 8:38 PM
an image

Independence Day 2024: भारत को आजाद हुए 77 वर्ष हो गए हैं. देश की आजादी के लिए संघर्षों के कई किस्से आप लोगों ने सुने होंगे. इनमें से कई घटनाएं लोगों को मुंहजबानी याद हैं. मगर कई बड़ी घटनाएं ऐसी भी हैं जो समय के साथ भुला दी गईं.

बिहार की भी महिलाओं ने आजादी के लिए किया समर्पित

देश की आजादी की लड़ाई में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. कई महिलाएं हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. जैसे रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले, कस्तूरबा गांधी, लक्ष्मी सहगल, सरोजिनी नायडू और बेगम हजरत महल ऐसे नाम हैं जिनका इतिहास गौरवशाली रहा है. अब हम आपको बिहार की उन वीरांगनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वीरता की कहानी पढ़कर आप भी गर्व महसूस करेंगे.

राम प्यारी देवी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रही

राम प्यारी देवी का विवाह जगत नारायण लाल से 12 मार्च 1930 को हुआ था और 30 मार्च को उन्होंने नमक सत्याग्रह में भाग लिया था. इस दौरान उन्हें एक साल की जेल हुई थी. वह इतनी लोकप्रिय थी कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य बनने के लिए किसान नेता सहजानंद सरस्वती को हरा दिया था. वे इस पद पर 1939 तक सदस्य रही थी. उन्हें उनके राजनीतिक भाषणों के लिए कई बार गिरफ्तार किया गया था.

Also Read: बिहार के इस शहर में 14 अगस्त की रात में होगा ध्वजारोहण, 1947 से चली आ रही है परंपरा

विंध्यवासिनी देवी जेल भी जा चुकी हैं

1919 में गांधी जी से मिलने के बाद विंध्यवासिनी देवी ने खुद को सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया था. वह कांग्रेस की स्थायी सदस्य भी बनीं थी. उनकी देशभक्ति ने कई लोगों को प्रभावित किया और उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने अपनी बेटियों को विदेशी सामान और शराब की बिक्री का विरोध करने के लिए भेजा. 1930 में नमक आंदोलन के दौरान विंध्यवासिनी देवी को अन्य महिलाओं के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 1932 में मुजफ्फरपुर जेल भेज दिया गया था और सरकार ने कन्या स्वयं सेविका दल को अवैध घोषित कर दिया था.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version