Bihar Politics: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के इंडिया अलायंस को लेकर दिए गए एक बयान के बाद प्रदेश में महागठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के रास्ते जुदा हो गए हैं. यह सवाल बेहद खास है, क्योंकि, इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं.
लोकसभा चुनाव के लिए बना था इंडिया गठबंधन: तेजस्वी
राजद नेता तेजस्वी यादव बुधवार को कार्यकर्ता दर्शन और संवाद कार्यक्रम के क्रम में बक्सर पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों ने जब उनसे दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के अलग-अलग चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था. बिहार में गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका पुराना गठबंधन है. वही दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी हम लोगों ने यह निर्णय नहीं लिया है कि पार्टी वहां चुनाव लड़ेगी या नहीं और बाद में देखा जाएगा कि वहां क्या करना है.
कांग्रेस को कम सीट देने की भूमिका बना रही RJD: BJP
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर विरोधी कई तरह के सवाल उठाने लगे हैं. भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट पंकज सिंह कहते हैं कि राजद शुरू से ही कांग्रेस को हाशिए पर रखती आई है. इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजद ने कांग्रेस को हाशिए पर रखने की तैयारी शुरू कर दी है. इनका गठबंधन सत्ता के लिए होता है. पश्चिम बंगाल में भी यही हुआ था. राजद यहां कांग्रेस को कम सीट देने की अभी से ही भूमिका बना रही है.
कांग्रेस का दावा राजद के साथ लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने कोई नई बात नहीं कही है. इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ही बना था. राज्यों के चुनाव अलग होते हैं. बिहार में हम लोग राजद के साथ मिलकर पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव भी यही कह रहे हैं.
2020 में 70 में से महज 19 सीटें जीत पाई थी कांग्रेस
उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद राजद के नेताओं द्वारा यह कहा भी गया था कि कांग्रेस के कारण महागठबंधन सत्ता से दूर हो गया. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तीन सीटों पर उसे सफलता मिली थी. जबकि, राजद 23 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसके चार उम्मीदवार विजयी हुए थे.
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2025 के चुनाव पर क्या होगा असर?
दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शाहनवाज आलम ने अपनी एक यात्रा के दौरान दावा किया था कि अगर नवंबर में होने वाले चुनाव में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है तो कांग्रेस प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाएगी. जिसमें एक मुसलमान और एक सवर्ण कैटेगरी से होगा. ऐसे में तेजस्वी इस तरह का बयान देकर कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि आपको महागठबंधन में आरजेडी की शर्तों पर रहना होगा. वरना आरजेडी इस गठबंधन को तोड़ने में वक्त नहीं लगाएगी और कांग्रेस को भी यह पता है कि अगर लालू यादव ने हाथ पीछे खींच लिया तो उसके लिए चुनाव में सीट जीतना मुश्किल हो जाएगा.
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