पटना. जातीय गणना के विरुद्ध याचिका पर हाइकोर्ट के फैसले का जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट कर स्वागत किया है. उन्होंने मंगलवार को कहा है कि जातीय गणना राज्य हित में है और यह पूरे देश में होना चाहिए. हाइकोर्ट के निर्णय से भाजपा का षड्यंत्र विफल हुआ. साथ ही जातीय गणना का रास्ता प्रशस्त हुआ.
सरकार की नीति और नीयत की जीत
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के जातीय गणना कराने से रोक हटाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार की नीति एवं नीयत दोनों की जीत है. भाजपा द्वारा इसे रोकने की साजिश नाकाम हुई है. मंत्री ने कहा है कि यह सामाजिक रूप से एक प्रगतिशील निर्णय है क्योंकि यह समाज एवं विशेष रूप से हर जाति के गरीब लोगों के हित में है. इसमें विभिन्न जातियों के लोगों की वास्तविक संख्या के साथ उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण के माध्यम से गरीब लोगों की पहचान भी की जायेगी.
‘‘न्याय के साथ विकास’’ सिद्धांत के अनुरूप फैसला
वित्त मंत्री ने कहा कि न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि सरकार का फैसला बिल्कुल वैध है एवं उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन है. इसके अलावा यह सरकार के घोषित ‘‘न्याय के साथ विकास’’ सिद्धांत के अनुरूप है. इससे निजता के अधिकार का भी उल्लंघन नहीं होता है तथा कोई निजी सूचना जबरदस्ती सार्वजनिक करने का भी कोई प्रावधान नहीं है. चौधरी ने कहा कि यह इतना दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय है कि अब दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग उठेगी और वहां की सरकारों के लिए बाध्यकारी स्थिति पैदा होगी. इस तरह, इस मामले में भी एक बार फिर नीतीश सरकार पूरे देश को रौशनी दिखाने का काम करेगी.
वंचितों के हित में फैसला
वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा है कि बिहार में जातीय गणना के मामले में पटना हाइकोर्ट का निर्णय स्वागतयोग्य है. भाजपा-आरएसएस के सहयोगी संगठनों द्वारा बदनीयती से इसमें अड़ंगा लगाने का भरसक प्रयास न्यायालय के सामने औंधे मुंह गिर गया. हम न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हैं. यह निर्णय निश्चित ही बिहार के दलित, शोषित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, गरीब व वंचित समाज के हित में निर्णायक सिद्ध होगा.
सर्वसमाज के पक्ष में फैसला
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि नीतीश सरकार में समाज के हर वर्ग के साथ न्याय हुआ है और आगे भी होगा. हाइकोर्ट का फैसला सरकार और बिहार के लिए बड़ी जीत है. हमें विश्वास था कि जातीय गणना पर अंतिम फैसला सर्वसमाज के पक्ष में होगा. प्रदेश का एक बड़ा तबका आजादी के इतने वर्षों के बाद भी राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक रूप से मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाया है. जातीय तथा आर्थिक गणना हो जाने से ऐसे तबकों की वर्तमान स्थिति का आकलन हो सकेगा व आने वाले समय में इनको ध्यान में रखकर विकासपरक नीतियों का निर्माण संभव होगा.
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