जहानाबाद. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा नदी को स्वच्छ रखने के आह्वान और एनजीटी के नदियों में कूड़ा नहीं फेंकने के निर्देश के बावजूद ठाकुरबारी में नदी के तट को डंपिंग का स्थल बना दिया गया है. ठाकुरबारी शिव मंदिर और मंडप के ठीक बगल में कई वार्डों का कूड़ा निकालकर वहां डंप किया जाता है. यह सब कोई आम पब्लिक या किसी फैक्ट्री या निजी लोगों के द्वारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि जहानाबाद नगर परिषद ने ही ठाकुरबाड़ी में नदी के तट को डंपिंग स्थल बना दिया है. हालांकि उस जगह पर कई वार्डों का कूड़ा जमा करने के बाद फिर उस कूड़े को ट्रैक्टर से उठाकर अन्यत्र फेंका जाता है, किंतु कूड़ा लगातार जमा किए जाने और जमा होने पर उठाए जाने के बावजूद ठाकुरबाड़ी के नदी का यह इलाका महीने के 30 दिन 24 घंटे कूड़े से पटा रहता है. इसकी बदबू से आसपास के लोगों के अलावा मंदिर में पूजा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी होती है. इसी क्षेत्र से होकर शहर भर के लोग पूजा करने के लिए गौरक्षणी देवी मंदिर मां मांडेश्वरी दरबार जाते हैं. ठाकुरबाड़ी स्थित पैदल पुलिया पार कर पूरे शहर के लोग देवी मंदिर के लिए पूजा करने जाते हैं और वहीं बगल में कूड़े का ढेर लगा रहता है. ठाकुरबाड़ी स्थित दरधा जमुना संगम छठ घाट पर साल में दो बार छठ पर्व का आयोजन किया जाता है. नगर परिषद के प्रशासन को नींद तब खुलती है जब छठ का पर्व नजदीक आता है. इस समय नदी की साफ सफाई की जाती है. छठ पर्व के बाद संगम घाट को देखने वाला कोई नहीं होता. जबकि छठ पर्व के अलावा हर पूर्णिमा एकादशी और तीर्थ व्रत तथा अन्य पर्व के अवसर पर लोग संगम घाट में स्नान के लिए जाते हैं. कहीं यज्ञ या अन्य कोई धार्मिक आयोजन होता है तो संगम घाट से ही जल ले जाकर पूजा-अर्चना की जाती है. इसके बावजूद शहर का सबसे पवित्र नदी घाट आज तक उपेक्षित है. छठ पर्व के समय नदी की सफाई कर उसमें पानी भरा जाता है किंतु आम दिनों में यह नदी नाले के रूप में तब्दील रहता है. नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. छठ घाट के बाद नदी का हिस्सा जलकुंभी और खरपतवार से ढका है. छठ पर्व के अलावा कभी ना तो नदी की साफ-सफाई की जाती है और न ही उसे स्वच्छ रखने का प्रयास किया जाता है. अगर जिला प्रशासन और नगर परिषद प्रशासन के द्वारा संगम घाट की हर समय साफ सफाई कर रखी जाए और नदी में थोड़ा-बहुत ही सही साफ पानी रहे तो यह जगह मनोरम और स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी उत्तम हो जायेगा. ऐसी स्थिति में लोग मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए आने लगेंगे किंतु अभी तो यह स्थिति यह है कि नदी के तट को डंपिंग स्थल बना दिये जाने से कूड़े से निकलने वाले सड़ांध से लोग परेशान है. इस जगह पर घूमना तो दूर गुजरना भी मुश्किल हो जाता है. हनुमान मंदिर और शिव मंदिर के पास से गुजरने वाले नाले में भी पसरी है गंदगी
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