जहानाबाद.
रक्तदान इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा दान होने के साथ-साथ मानवता की सबसे बड़ी सेवा भी है. एक व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों की जिंदगी बचा सकता है. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ देवेंद्र प्रसाद ने शनिवार को विश्व रक्तदाता दिवस पर रेडक्रॉस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि किसी का जीवन बचाने से बड़ा धर्म नहीं हो सकता है इसलिए लोगों को खुलकर रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए. सिविल सर्जन ने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा किये गये रक्तदान के खून से आरबीसी प्लाज्मा प्लेटलेट्स अलग कर उसे अलग-अलग व्यक्तियों को चढ़कर कई लोगों की जान बचायी जाती है. उन्होंने कहा कि रक्तदान हमेशा रजिस्टर्ड ब्लड बैंक में ही करना चाहिए. जरूरत पड़ने पर खून भी रजिस्टर्ड ब्लड बैंक से ही लेना चाहिए. कुकुरमुत्ता की तरह प्राइवेट नर्सिंग होम में खोले गये ब्लड बैंक में खून के बेचे जाने का खतरा रहता है. ऐसे ब्लड बैंक अंतरराष्ट्रीय तय नियमों का पालन नहीं करते हैं जिसके कारण इन्फेक्शन का खतरा बना हुआ रहता है. उन्होंने कहा कि हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि कार्ल लैंडस्टीनर ने ब्लड ग्रुप की खोज की थी इसके लिए उन्हें नोबेल प्राइज मिला था, उनका जन्म दिवस 14 जून को था, इसलिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर मानवता के लिए समर्पित और साल में लगातार चार बार रक्तदान करने वाले जिले के 14 लोगों को सम्मानित भी किया गया. सिविल सर्जन डॉ देवेंद्र प्रसाद ने इन रक्तदाताओं को मोमेंटो और सर्टिफिकेट देकर उन्हें सम्मानित किया. लगातार वर्ष में चार बार रक्तदान करने वाले में जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें रजनीश कुमार, अविनाश कुमार, राजीव रंजन, अमित कैप्टन, अमन कौशिक, कुमार वेंकटेश, आशुतोष कुमार, डिंपी कुमारी, ममता कुमारी, सुधीर कुमार, अनुराधा पाठक, राकेश कुमार और ललित शंकर शामिल हैं.
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