जहानाबाद नगर.
जिले में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डीएम अलंकृता पाण्डेय द्वारा की गयी. इस अवसर पर संबंधित विभागों के पदाधिकारी, अभियंता एवं फील्ड स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के साथ ही आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गयी. बैठक में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर विशेष निर्देश जारी किये गये. यह देखा गया कि योजना का लाभ अधिकतम योग्य छात्रों तक पहुंचे, इसके लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के माध्यम से इनरोलमेंट की प्रक्रिया को सशक्त बनाया जाना आवश्यक है. इस क्रम में सेविका-सहायिका, जीविका दीदी एवं आशा कार्यकर्ताओं को भी सामुदायिक स्तर पर छात्रों को प्रोत्साहित करने में सहभागी बनाया गया है. प्रबंधक, डीआरसीसी को छात्र आवेदनों की त्वरित जांच व समयबद्ध इनरोलमेंट सुनिश्चित करने को कहा गया. साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि छात्र आवेदनों की जांच समयबद्ध तरीके से हो तथा कौशल विकास केंद्र एवं डीआरसीसी के माध्यम से उन्हें त्वरित रूप से जोड़ा जाए. विद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली सहायता शिविरों के माध्यम से योजनाओं की जानकारी, दस्तावेज़ीकरण एवं आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास किया जायेगा. मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम के संदर्भ में भी निर्देश दिये गये हैं कि सभी प्रधानाध्यापकों एवं टोला सेवकों को सक्रिय करते हुए गांव-स्तर तक संपर्क स्थापित किया जाये. इसी क्रम में डॉ आम्बेडकर समग्र सेवा अभियान के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की गई एवं डाटा अपडेट करने की प्रक्रिया को गति देने के निर्देश भी दिए गए. डीएम ने सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार, स्कूलों एवं सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण, नेचुरल फार्मिंग, ड्रिप इरिगेशन एवं सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना से संबंधित कार्यों की स्थिति की भी समीक्षा की. अभियान के अंतर्गत जिले में तालाब, आहर, पईन, सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार तथा चापाकलों के समीप सोख्ता निर्माण जैसे कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई. विभिन्न विभागों के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि जल संरक्षण के पारंपरिक संसाधनों को सहेजने के साथ ही नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जा रहा है. चापाकलों के समीप सोख्ता निर्माण एवं विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी गतिविधियों को जनस्वास्थ्य एवं जल-संरक्षण दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण माना गया है. इसी प्रकार सरकारी भवनों में भी वर्षा जल संचयन को प्राथमिकता दी जा रही है.
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