अरवल. बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद्र कुमार सिंह के द्वारा परिसदन अरवल में बाल श्रम उन्मूलन-सह-पुनर्वास की संबंधित राज्य कार्य योजना 2017 से संबंधित सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की गयी है. इस कार्यकम में उपाध्यक्ष के साथ जिला में कार्यरत एनजीओ ने भी भाग लिया. समीक्षा के कम में उपाध्यक्ष ने सबसे पहले श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा की. श्रम अधीक्षक मृत्युंजय कुमार झॉ ने 2024-25 एवं 2025-26 में जिला धावा दल के द्वारा विमुक्त बाल श्रमिको एवं उनके पुनर्वास का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उपाध्यक्ष ने बाल श्रम उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता कार्यकम करने पर विशेष जोर दिया. उन्होने श्रम अधीक्षक सहित उपस्थित सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया कि जिला में वैसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाय जहाँ बाल श्रमिक के कार्य करने की संभावना अधिक हो. इसके साथ उन्होने जिला के विभिन्न प्रखण्डों में लगने वाले ग्रामीण हाट एवं जिले में लगने वाले धार्मिक आयोजनो एवं सार्वजनिक मेला में बाल श्रम के प्रति लोगो में खासकर श्रमिक वर्गों में जागरूकता फैलाने का निदेश दिया. ताकि वे अपने बच्चों से नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें और गरीब परिवारों के बीच जहाँ से बाल श्रमिक होने की संभावना अधिक होती है. वहां विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर-घर पहुंचाने का सुझाव दिया. उपाध्यक्ष ने बाल श्रम उन्मूलन के लिए सभी विभागों को आपसी सम्नवय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया. ताकि कोई भी बच्चा कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न हो और अपनी शिक्षा समय पर पूरी करे और एक स्वच्छ समाज का निर्माण करें. इस बैठक में जिला 20 सूत्री के उपाध्यक्ष, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण ईकाई के सहायक निदेशक, जिला अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, नगर विकास पदाधिकारी के प्रतिनिधि सहित सचिव, विकास पथ विकम, अरवल, जिला बाल कल्याण पदाधिकारी, सभी प्रखण्डों के श्रम प्रवर्तन पदापधिकारी सहित एनजीओ के सभी सदस्य भी शामिल थे. धावा दल के सफल संचालन के लिए पुलिस प्रशासन से सहयोग एवं जिला बल की मांग की गई. ताकि त्वारित एवं सघन कार्रवाई हो सके. जिसे उपाध्यक्ष द्वारा पूरी करने की सहमति प्रदान की गयी.
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