रतनी. सिकंदरपुर पंचायत अंतर्गत सरैया गांव में अवस्थित दो कुएं अपना अस्तित्व खोता जा रहा है लेकिन इसका जीर्णोद्धार नहीं कराया गया. ग्रामीण बताते हैं कि कंटाही कुआं व मटकोरी कुआं अपने जमाने का यह दो प्रसिद्ध कुआं हुआ करता था जिसमें एक कुएं पर कर्मकांड का कार्य होता था तो दूसरे पर शादी विवाह में दाल धोने से लेकर पूजा पाठ व पीने में उसका उपयोग होता था. उस समय यही दो कुएं से पूरे गांव का पेयजल भी संभव हो पाता था लेकिन समय गुजरते गया और इस कुएं का उचित रख-रखाव के अभाव में इसके संकट पर बादल मंडराने लगे. सरकार द्वारा पुराने कुएं को बचाने के लिए उसके जीर्णोद्धार के लिए पंचायत में मुहिम चलाकर युद्धस्तर पर कार्य प्रारंभ तो किया गया लेकिन यह दोनों कुएं को अपने हाल पर छोड़ दिया गया. आखिर क्यों नहीं, इन दोनों कुएं का जीर्णोद्धार हुआ यह तो समझ से परे है लेकिन जिस तरह से कुएं में झार-जंगल उग आए हैं, इससे इसका अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. कुएं का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो आने वाले समय में यह कुआं अपना अस्तित्व खो देगा. ग्रामीण मनोज शर्मा बताते हैं कि इस कुएं के जीर्णोद्धार के लिए कई बार पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव को आवेदन दिया गया है फिर भी अब तक इस दोनों कुएं का जीर्णोद्धार नहीं कराया गया जिसके कारण ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है. उन्होंने बताया कि वार्ड सदस्य सुनैना देवी के द्वारा भी कई बार वरीय पदाधिकारी को इस दोनों कुएं के जीर्णोद्धार के लिए गुहार लगाया जा चुका है, लेकिन अब तक इस पर वरीय पदाधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है.
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