जहानाबाद नगर. डीएम अलंकृता पांडेय के निर्देश पर बाल श्रम उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत श्रम अधीक्षक द्वारा गठित जिला धावा दल ने विश्वकर्मा ऑटो सर्विस, हाटी मोड़ से एक बाल श्रमिक को विमुक्त किया है. यह प्रतिष्ठान सुबोध उर्फ शिवबोध कुमार, पिता- गुलजारी प्रसाद, ग्राम- रसलपुर, थाना- काको द्वारा संचालित किया जा रहा था. विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, जहानाबाद के समक्ष प्रस्तुत कर बाल गृह में भेज दिया गया. बाल श्रम एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. श्रम अधीक्षक ने बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से श्रम कराना विधिविरुद्ध है. ऐसे मामलों में 20,000 से 50,000 तक के जुर्माना एवं दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त, एमसी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार, 1996 के निर्णय के आलोक में नियोजक से 20,000 प्रति बाल श्रमिक की क्षतिपूर्ति राशि वसूल की जायेगी. राशि अदा न करने पर नियोजक के विरुद्ध नीलाम-पत्र वाद भी दायर किया जायेगा. श्रम अधीक्षक ने सभी प्रतिष्ठानों को सख्त चेतावनी दी है कि कोई भी नियोजक अगर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य कराते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी बाल श्रम से जुड़ी सूचना प्राप्त हो, तो तत्काल श्रम अधीक्षक या संबंधित श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को सूचित करें ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके. कार्रवाई में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी श रामबाबु कुमार, अजय बाबू यादव, संजय कुमार प्रकाश, शत्रुधन कुमार थे.
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