जहानाबाद. जिले के सभी वाहन मालिकों को अपनी गाड़ी की आरसी अपने मोबाइल से आधार कार्ड की तरह लिंक करना जरूरी है बावजूद इसके वह अपने वाहनों की आरसी को अपने मोबाइल से लिंक कराने में रुचि नहीं दिखला रहे हैं, जिसके कारण परिवहन विभाग की परेशानी बढ़ गयी है. राज्य परिवहन विभाग के द्वारा यह योजना पिछले साल अगस्त में लायी गयी थी. इस योजना को वर्ष 2025 के मार्च तक पूरा कर लिया जाना था. किंतु हाल यह है कि पिछले 11 महीने में भी पुराने वाहनों में से केवल 4000 वाहनों की आरसी ही उनके मलिक के मोबाइल से लिंक हो सकी है. जबकि 13000 से अधिक ऐसी गाड़ियां बाकी है जिनकी आरसी को उनके मलिक के मोबाइल से लिंक किया जाना बाकी है. जिले में ऐसी करीब 17200 से अधिक गाड़ियां थीं जिनके लिए यह काम किया जाना था. यह सब पुरानी गाड़ियां हैं, क्योंकि नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के समय ही उनके आरसी को उनके मालिक के मोबाइल से लिंक किया जा रहा है. जिले में वर्ष 2019 में परिवहन विभाग को ऑनलाइन किया गया था. इसलिए वर्ष 2019 से अब तक की गाड़ियों का सारा लेखा-जोखा कंप्यूटर पर उपलब्ध है वर्ष 2019 से अब तक की अधिकांश गाड़ियों की आरसी की उसके मालिक के मोबाइल नंबर से लिंक कराया जा चुका है. दिक्कत वर्ष 2019 के पहले रजिस्टर्ड गाड़ियों के साथ हो रही है। वह भी खासकर निजी वाहनों के साथ जिनमें ज्यादातर बाइक और फोर व्हीलर गाड़ियां हैं, क्योंकि कॉमर्शियल व्हीकल के लिए हर साल फिटनेस और परमिट बनवाना जरूरी होता है, किंतु निजी वाहन खासकर बाइक और फोर व्हीलर का एक साथ रजिस्ट्रेशन के समय ही 15 साल के लिए फिटनेस परमिट मिल जाता है. ऐसे वाहन मालिकों को हर साल परिवहन विभाग कार्यालय में नहीं आना पड़ता है. उन्हें केवल पॉल्यूशन और इंश्योरेंस करवाना होता है जिसके लिए परिवहन विभाग की जरूरत नहीं होती है. जिला परिवहन विभाग के साथ ऐसे ही वाहनों की आरसी को उनके मालिक के मोबाइल नंबर से लिंक करने में दिक्कत पेश आ रही है. नई योजनाओं को लागू करने के लिए ऐसा करना है जरूरी : परिवहन विभाग कई ऐसी ऑनलाइन योजना ला रही है जिसके लिए वाहन की आरसी उसके मालिक के मोबाइल नंबर जो आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है के साथ लिंक करना जरूरी हो गया है. इसके साथ ही वाहन मालिकों को अपना नाम पता और एड्रेस भी अपडेट करना जरूरी हो गया है अगर रजिस्ट्रेशन के बाद उनका पता बदल गया है या गाड़ी की खरीद बिक्री के कारण उसके मालिक बदल गये हैं तो वाहन मालिकों को अपने जिले के आरटीओ ऑफिस में आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस के साथ इस मोबाइल नंबर को लिंक करना जरूरी है जो आधार से जुड़ा हुआ है. ऐसा नहीं करने पर उनकी गाड़ी अगर रोड पर चलती नजर आई अथवा वाहन चालक वाहन चलाते नजर आए तो उनके खिलाफ परिवहन विभाग के विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है और उनका चालान कट सकता है. परिवहन विभाग के द्वारा वाहन मालिकों और वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए यह तैयारी की जा रही है. प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सभी जिले के जिला परिवहन पदाधिकारी को इसके लिए आवश्यक निर्देश दे चुके है. जिला परिवहन पदाधिकारी ने भी इसके लिए आदेश जारी कर दिया है. अब सभी प्रकार के वाहन मालिकों को अपने जिले के जिला परिवहन कार्यालय में जाकर अथवा ऑनलाइन वाहन की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस को अपने मोबाइल से लिंक करना जरूरी है. यह कार्य उस जिला परिवहन कार्यालय में हो रहा है जहां उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ है अथवा जिस परिवहन कार्यालय से उनकी ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया गया है. इस मोबाइल नंबर को आरसी अथवा ड्राइविंग लाइसेंस से लिंक करना है जो मोबाइल नंबर उनके आधार कार्ड और किसी बैंक के बचत खाते से लिंक है. इस सब आदेश के बावजूद जिले के वाहन मालिक इसमें रुचि नहीं दिखला रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को होगी काफी सहूलियत : राज्य परिवहन विभाग के द्वारा आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस को मोबाइल से जोड़ने की यह तैयारी अपनी सुविधा के लिए कर रहा है ताकि किसी परिस्थिति में किसी वाहन अथवा ड्राइविंग लाइसेंस के सिलसिले में किसी भी प्रकार के निर्देश की सूचना तुरंत वाहन मालिक अथवा वाहन चालक के पास पहुंचायी जा सके. वाहन का फिटनेस फेल हो रहा है अथवा इंश्योरेंस खत्म हो रहा है या पॉल्यूशन का पेपर फेल हो चुका है । इसकी सूचना वाहन मालिक और चालक को उनके मोबाइल पर तुरंत मिल जायेगी. इसके अलावा अगर वाहन चालक किसी परिवहन नियम का उल्लंघन करता है या ट्रैफिक नियमों को तोड़ता है, तो इस मामले में चालान काटकर उसकी कॉपी तुरंत संबंधित वाहन मालिक और वाहन चालक के मोबाइल पर भेज दिया जायेगा. यानी किसी वाहन मालिक या चालक को बचने की कोई गुंजाइश नहीं होगी. इसके माध्यम से समय-समय पर विभाग के द्वारा निर्देश वाहन मालिक अथवा चालक को दिए जायेंगे. दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित की पहचान की जा सकेगी. गाड़ी का आरसी डाउनलोड किया जा सकेगा. निवास स्थान का पता भी करना होगा अपडेट इसके साथ ही वाहन मालिक अथवा वाहन चालक अपने निवास स्थान का पूरा पता भी अपडेट भी करना है जहां वह वर्तमान में रह रहे हैं. अगर आरसी अथवा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय उन्होंने दूसरा पता दिया था और वर्तमान समय में किसी दूसरे पते पर रह रहे हैं तो इसकी जानकारी अविलंब परिवहन कार्यालय को देनी है. वैसे भी वाहन मालिक अथवा वाहन चालक को अपना पता बदलने के 30 दिन के भीतर इसकी स्थिति सूचना परिवहन कार्यालय को देना अनिवार्य है ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. अब नहीं बन सकेगा पॉल्यूशन सर्टिफिकेट वाहन मालिक ने अगर अपने जिले के परिवहन कार्यालय में अपने गाड़ी के आरसी के साथ अपना मोबाइल नंबर लिंक नहीं कराया तो उनके गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अब नहीं बन पायेगा. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनेगा तो जांच अभियान के दौरान अथवा टोल गेट से क्रॉस करते समय वाहन का चालान कट जायेगा. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं रहने पर किसी भी वाहन मालिक से 1000 से 5000 का फाइन वसूल जाता है. अलग-अलग प्रकार के वाहनों के लिए फाइन की राशि अलग-अलग है. पहले यह फाइन सभी गाड़ियों के लिए 10000 का था. क्या कहते हैं अधिकारी परिवहन विभाग से सभी गाड़ियों के आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक वाले मोबाइल से जोड़ना है. इसके साथ ही वाहन मालिक और चालक के घर का पता भी अप टू डेट करना है. पिछले साल अगस्त महीने से यह कार्य किया जा रहा है. ऐसा नहीं करने वालों के वाहनों के नए सर्टिफिकेट अप टू डेट नहीं हो पायेंगे. उनके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी और जुर्माना भी वसूल किया जायेगा. राहुल कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, जहानाबाद
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