निगरानी जांच और प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई
चैनपुर बीडीओ एवं प्रखंड शिक्षा समिति के सचिव शुभम प्रकाश ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में प्रमाण पत्रों की सत्यता पर सवाल उठे. इसके आधार पर दोनों शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बाद में जिला परियोजना पदाधिकारी (DPO) से प्राप्त आदेश और सीडब्ल्यूजेसी एवं निगरानी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को अंतिम रूप दिया गया.
प्रखंड शिक्षा समिति की सर्वसम्मति से हुई कार्रवाई
शिक्षकों को बर्खास्त करने से पूर्व उनसे स्पष्टीकरण (शोकॉज) मांगा गया था. लेकिन दोनों शिक्षक जवाब देने में असफल रहे और फर्जीवाड़े को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके. उनकी प्रतिक्रियाएं असंतोषजनक पाई गईं. इसके बाद चैनपुर की प्रखंड प्रमुख रिंकू देवी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें बीईओ शशिकांत पाल समेत समिति के सभी सदस्यों की उपस्थिति रही. सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दोनों शिक्षकों को तुरंत बर्खास्त किया जाए. यह निर्णय न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरूरी था, बल्कि सरकारी नौकरी में पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना को भी मजबूती देने वाला कदम है.
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