बच्चों की शिक्षा में गरीबी को नहीं बनने दें बाधक, सरकार दे रही हैं सुविधाएं : डीडीसी

गुरुवार को श्रम संसाधन विभाग संयुक्त श्रम भवन ईटाढ़ी में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस सह एक दिवसीय ग्रामीण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

By VIKASH KUMAR | June 12, 2025 4:05 PM
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मोहनिया सदर…. गुरुवार को श्रम संसाधन विभाग संयुक्त श्रम भवन ईटाढ़ी में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस सह एक दिवसीय ग्रामीण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन उप विकास आयुक्त सूर्य प्रताप सिंह व श्रम अधीक्षक चंदन कुमार ने दीप जलाकर किया. उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए डीडीसी सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि आप अपने बच्चों की शिक्षा में गरीबी को किसी भी हाल में बाधक नहीं बनने दें, क्योंकि सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं. प्राथमिक स्तर से लेकर हायर एजुकेशन तक गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार अनुदान भी दे रही है. आज के परिवेश में यदि कोई कहता है कि गरीबी के कारण उनका बच्चा नहीं पढ़ सका, तो यह सिर्फ एक छलावा है. सरकारी विद्यालय में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है, साथ ही उनके आगे की पढ़ाई जिसमें डिप्लोमा, इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी सरकार प्रोत्साहन भी दे रही है. इतना ही नहीं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के वैसे बच्चे जो बीपीएससी की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनकी पढ़ाई के लिए भी अनुदान दे रही है. आप लोगों से आग्रह है कि अपने बच्चों की पढ़ाई में गरीबी को बाधक नहीं बनने दें और अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं. शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम गरीबी की हर जंजीरों को तोड़ सकते हैं. इसलिए भले ही आप लोग आधा पेट खाना खाएं, लेकिन अपने बच्चों को उच्च शिक्षा अवश्य दिलाएं. इसके साथ ही उपस्थित ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए श्रम अधीक्षक चंदन कुमार ने बताया कि कक्षा 11वीं व 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों को प्रतिवर्ष सरकार 2500 रुपये देती है. राज्य के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को प्रतिवर्ष 5000 रुपये व राज्य के सरकारी पॉलिटेक्निक में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष 10000 रुपये पढ़ाई के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है, इसका लाभ प्राप्त करने के लिए उक्त छात्रों के माता-पिता जो कामगार या शिल्पकार हैं उनकी उम्र का सबूत, आवासीय प्रमाण पत्र, कार्य की प्रकृति से संबंधित प्रमाण पत्र, संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्य, या किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा अभिप्रमाणित माता-पिता का फोटो, संस्थान के प्रधान द्वारा अभिप्रमाणित छात्र की फोटो, शिक्षण संस्थान के प्रधान द्वारा संबंधित छात्र-छात्रा का राज्य या केंद्र सरकार के किसी अन्य छात्रवृत्ति योजना से आच्छादित अनुदान नहीं मिलने का प्रमाण पत्र, आवेदक की श्रेणी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का स्व घोषणा पत्र, संबंधित छात्र की बैंक खाता विवरणी की स्व अभिप्रमाणित प्रति, आवेदक का जाति प्रमाण पत्र, कामगार, शिल्पकार या आवेदन कर्ता के पुत्र, पुत्री का आधार कार्ड देना अनिवार्य है. असाध्य रोग के लिए भी चिकित्सा सहायता देने का प्रावधान उन्होंने बताया कि कामगार को दुर्घटना के फलस्वरूप चोट लग जाने की स्थिति में 10000 रुपये दुर्घटना की तिथि से एक वर्ष के अंदर दिया जाता है. असाध्य रोग के लिए भी चिकित्सा सहायता के रूप में 10000 से 60000 रुपये देने का प्रावधान है. अस्थायी आंशिक नि:शक्त दुर्घटना की तिथि से 5 वर्ष के अंदर 50000 रुपये व पूर्ण स्थायी अपंगता दुर्घटना की स्थिति से 5 वर्ष के अंदर 100000 दिया जाता है. जबकि, स्वाभाविक मृत्यु की तिथि से 2 वर्ष के अंदर 50000 व दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृत्यु की तिथि से 2 वर्ष के अंदर 200000 रुपये बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा संशोधन योजना 2024 के अंतर्गत दिया जाता है. इसका लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को सभी आवश्यक कागजी कार्रवाई पूर्ण करनी होगी. इसी क्रम में मोहनिया के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव रंजन निखर ने लोगों को बताया कि भवन मरम्मत अनुदान योजना के अंतर्गत 20000 रुपये का लाभ दिया जाता है. साइकिल क्रय अनुदान योजना में एक वर्ष के लिए 3500 रुपये साइकिल खरीदने के लिए दिया जाता है. कार्य करने के लिए औजार खरीद अनुदान योजना के अंतर्गत 15000 रुपये दिया जाता है. रजिस्टर्ड मजदूरों को दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता के रूप में 5000 रुपये, लाभार्थी की चिकित्सा सहायता के रूप में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के समतुल्य राशि दी जाती है. साथ ही मातृत्व लाभ के तहत एक वर्ष के लिए कुशल कामगार के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के 90 दिनों की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान किया जाता है. # कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों को 502 रुपये नकद भुगतान नगद पुरस्कार योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के अधीन किसी भी बोर्ड द्वारा संचालित दसवीं व 12 वीं की परीक्षा में 80 प्रतिशत या उससे अधिक 70 प्रतिशत से 79.99 प्रतिशत तथा 60 प्रतिशत से 60.99 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने पर क्रमशः 25000 रुपये, 15000 व 10000 रुपये दिया जाता है. निबंधक निर्माण कामगारों के पुत्र व पुत्री को आइआइटी, आइआइएम, एआइएमएस इत्यादि का पूरा ट्यूशन फी, बीटेक अथवा समकक्ष कोर्स के लिए सरकारी संस्थान में दाखिला होने पर एक मुश्त 20000 रुपये, सरकारी पॉलिटेक्निक, नर्सिंग या समकक्ष डिप्लोमा कोर्स के अध्ययन के लिए एक मुश्त 10000 रुपये, सरकारी आइटीआइ या समकक्ष कोर्स के लिए एक मुश्त 5000 रुपये दिया जाता है. इसके साथ ही विशाल कुमार, नितेश कुमार, अक्षय कुमार, भरत कुमार, नीतीश कुमार, सुभाष कुमार, चंद्रकला कुमारी, चंचल कुमारी, गोरख कुमार व अनुष्का कुमारी को विभिन्न योजनाओं के चेक प्रदान किये गये. साथ ही कार्यक्रम में आये सभी लोगों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी 402 रुपये व आने जाने के खर्च के रूप में 100 रुपये सभी प्रखंडों से आने वाले श्रमिकों को दिया गया. कार्यक्रम के समापन के बाद डीडीसी सहित उपस्थित श्रम संसाधन विभाग के पदाधिकारियों द्वारा कार्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया. # विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर ग्रामीणों को दिया गया प्रशिक्षण, गिनायी गयी कई योजनाएं # बड़ी संख्या में ग्रामीण व श्रम अधीक्षक सहित उपस्थित रहे सभी श्रम प्रवर्तन अधिकारी

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