आरा : कहते हैं बात जब सुख, साधन, वैभव के उपार्जन करने की हो, तो लोग अपने वतन को छोड़ प्रदेश जाकर इसे उपार्जित करने की कवायद में जीवन की पूरी ताकत को झोंक देते हैं. वहीं बात जब उनके ऊपर आने वाली मौत की हो, तो उसे उस वक्त अपने घर ही याद आती है. कोरोना की महामारी को लेकर इन दिनों ऐसा ही नजारा मुख्य पथ पर देखने को मिल रहा है. जानकारी के अनुसार, दिल्ली के शाहदरा से 27 मार्च को आरा के रहनेवाले बिंदेश्वरी सिंह जो पिछले 30 वर्षों से दिल्ली में रहकर फैक्ट्रियों से निकलने वाले सामान को अपने ठेले पर पहुंचाने का काम कर रहे थे. कुछ महीनों पूर्व वह अपने दो बेटों जेडी कुमार व अक्षय को अपने साथ दिल्ली के महानगर में रुपये कमाने को लेकर अपने गये थे. लेकिन उन्हें क्या पता था कि करोना की महामारी से उसे इस कदर परेशानी होगी.
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